तेजस में राजनाथ ने भरी उड़ान, जानें इस लड़ाकू विमान की विशेषताएं, डरते हैं चीन-पाक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज यानी गुरुवार को स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। राजनाथ सिंह कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से तेजस ने उड़ान भरी। बतौर रक्षा मंत्री वह पहली बार तेजस में सवार हुए हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 14 May 2023 10:07 AM GMT
तेजस में राजनाथ ने भरी उड़ान, जानें इस लड़ाकू विमान की विशेषताएं, डरते हैं चीन-पाक
X

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज यानी गुरुवार को स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। राजनाथ सिंह कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से तेजस ने उड़ान भरी। बतौर रक्षा मंत्री वह पहली बार तेजस में सवार हुए हैं।

रक्षा मंत्री की यह उड़ान इसीलिए खास है, क्योंकि इस विमान का निर्माण भारतीय कंपनी एचएएल ने किया है। इससे पहले बीते शुक्रवार को ही तेजस ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया था।

इस लड़ाकू विमान के नौसेना संस्करण की सफल अरेस्ट लैंडिंग हुई थी। इसके अलावा भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जो विमानवाहक पोत पर उतरने में सक्षम जेट विमान का डिजाइन तैयार करने में समर्थ हैं।

यह भी पढ़ें...पाक ने पीएम मोदी के लिए एयरस्पेस खोलने से किया इनकार, भारत ने दिया करारा जवाब

दमदार है तेजस फाइटर

तेजस विमान पाकिस्तान और चीन के संयुक्त उत्पादन थंडरबर्ड से कई गुना ज्यादा दमदार है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब तेजस की प्रदर्शनी की बात की गई थी, तब पाकिस्तान और चीन ने थंडरबर्ड को प्रदर्शनी से हटा लिया था। तेजस से चीन और पाकिस्तान दोनों डरते हैं। तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है।

पूर्व पीएम बाजपेयी ने दिया था नाम 'तेजस'

इस विमान का आधिकारिक नाम 'तेजस' पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने दिया था। यह संस्कृत का शब्द है। जिसका अर्थ होता है अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा। इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया है। HAL ने इस विमान को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) यानी हल्का युद्धक विमान प्रोजेक्ट के तहत बनाया है।

यह भी पढ़ें...ट्रैफिक नियम के खिलाफ ट्रांसपोर्ट की हड़ताल, संभलकर निकले, कई स्कूल बंद

तेजस की विशेषताएं और ताकत

-2000 किमी की रेंज को कवर करने वाले तेजस का अधिकतम थ्रस्ट 9163 केजीएफ है।

-इसमें ग्लास कॉकपिट, हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, मल्टी मोड रडार, कंपोजिट स्ट्रक्चर और फ्लाई बाई वायर डिजिटल सिस्टम जैसे आधुनिक फीचर मौजूद हैं।

-इस जेट पर दो आर-73 एयर-टू-एयर मिसाइल, दो 1000 एलबीएस क्षमता के बम, एक लेजर डेजिग्नेशन पोड और दो ड्रॉप टैंक्स तैनात रहती है।

-तेजस का इस्तेमाल नौसेना और वायुसेना दोनों सेनाओं में किया जाएगा।

-भारतीय वायुसेना में पुराने होते जा रहे मिग-21 फाइटर की जगह लेने के लिए इसका निर्माण किया गया है। यह एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है। यह प्रोग्राम वर्ष 1980 में शुरू किया गया था।

यह भी पढ़ें...मोदी सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारियों को दिया ये तोहफा

-तेजस हवा से हवा में हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है।

-इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं।

-तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है।

-तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है।

-यह अब तक करीब 3500 बार उड़ान भर चुका है।

-तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

-LCA तेजस को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए रही है।

यह भी पढ़ें...6000mAh की दमदार बैटरी से लैस Samsung M30s लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स

-2222 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम।

-3000 किमी की दूरी तक एक बार में भर सकता है उड़ान।

-43.4 फीट लंबा और 14.9 फीट ऊंचा है तेजस फाइटर।

-13,500 किलो वजन होता है सभी हथियारों के साथ।

-इन हथियारों से लैस हो सकता है तेजस विमान।

यह भी पढ़ें...मुंबई में भारी बारिश की आशंका, बंद रहेंगे स्कूल-कालेज

इसलिए पड़ी तेजस की जरूरत?

-एयरफोर्स के पास 33 स्क्वॉड्रन हैं। एक स्क्वॉड्रन में 16-18 फाइटर होते हैं।

-इन 33 में से 11 स्क्वॉड्रन्स में MiG-21 और MiG-27 फाइटर हैं।

-इनमें से भी सिर्फ 60% ही ऑपरेशन के लिए तैयार हैं।

-एक्सपर्ट्स के मुताबिक चीन-पाकिस्तान के खतरे को देखते हुए भारत को 45 स्क्वॉड्रन चाहिए।

-तेजस 34th स्क्वॉड्रन है। फ्रांस से राफेल मिलने पर वह 35th स्क्वॉड्रन होगी।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story