TRENDING TAGS :
किसान आंदोलन: बैठक से पहले किसानों का सख्त रुख, रखीं ये तीन शर्तें
आज किसानों और केंद्र के बीच बैठक होने वाली है। इस बैठक से पहले किसानों ने सख्त रुख अख्तियार किया है। वार्ता से पहले किसानों ने तीन प्रमुख मांगे रखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है।
नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन बीते एक महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। बॉर्डर पर बैठे किसान ना तो मौसम के सामने हार मान रहे हैं और ना ही सरकार व प्रशासन के बेरुखे रवैये के सामने घुटने टेकने को तैयार हैं। दिल्ली में गिरते पारा के बाद भी किसान धरने खत्म करने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच आज सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों पर आठवें दौर की बातचीत होनी है।
बातचीत में ये रहेगा किसानों का एजेंडा
सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की यह बातचीत दो बजे विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले हुई बैठक में दो मुद्दों पर सहमति बन गई थी। वहीं आज दो शर्तों पर चर्चा होनी है। इस बैठक से पहले किसानों ने सख्त रुख अख्तियार किया है। वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मीटिंग का एजेंडा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने पर रहेगा।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ से 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदेगा केंद्र, CM बघेल ने जताई ख़ुशी
(फोटो- सोशल मीडिया)
अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार
उन्होंने कहा कि हम वापस नहीं जाएंगे। अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं। सरकार को जवाब देना होगा। वहीं दूसरी ओर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि अगर आज की बैठक में तीनों कानूनों को निरस्त करने पर बात नहीं बनती है और एमएसपी गारंटाी का कानून नहीं आता है तो हमने अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार कर रखे हैं। बता दें कि छह जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में हैं, इसके बाद सात जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: प्यासा मरेगा पाकिस्तान: भारत ने उठाया ये बड़ा कदम, रुकेगा रावी का पानी
किसानों ने सरकार को दी चेतावनी
बैठक से पहले किसानों ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो वो आंदोलन को और तेज कर देंगे। किसान संगठनों का कहना है कि 13 जनवरी को नए कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाई जाएगी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के मौके पर यानी 23 जनवरी को किसान दिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही छह से 20 जनवरी तक देश जागृति पखवाड़ा मनाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: BJP नेता के बिगड़े बोल- ‘हम नहीं चाहते सहानुभूति के लिए ममता बनर्जी की हत्या हो’
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।