TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अब कोर्ट ने दिया यासीन मालिक को करारा झटका, JKLF पर लगा बैन रहेगा बरकरार

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में बुधवार रात बताया गया है कि न्यायमूर्ति चंद्र शेखर के नेतृत्व वाले एक अधिकरण ने JKLF-मलिक पर प्रतिबंध बरकरार रखा है।

SK Gautam
Published on: 9 Jun 2023 2:41 PM IST (Updated on: 9 Jun 2023 3:32 PM IST)
अब कोर्ट ने दिया यासीन मालिक को करारा झटका, JKLF पर लगा बैन रहेगा बरकरार
X

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधिकरण ने यासीन मलिक की अगुवाई वाले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट JKLF पर प्रतिबंध बरकरार रखा है। यह प्रतिबंध अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत बरकरार रखा गया है। यह जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है।

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में बुधवार रात बताया गया है कि न्यायमूर्ति चंद्र शेखर के नेतृत्व वाले एक अधिकरण ने JKLF-मलिक पर प्रतिबंध बरकरार रखा है।

ये भी देखें : खतरे में इनकी नौकरियां! बड़ा फैसला लेने जा रही मोदी सरकार

कश्मीर को अलग करने को ‘दुष्प्रचार’ करने का आरोप

JKLF-मलिक को इस साल मार्च में प्रतिबंधित किया गया था। उस पर भारतीय संघ के आतंकवाद प्रभावित राज्य कश्मीर को अलग करने को ‘दुष्प्रचार’ करने का आरोप है।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी महीने में CRPF के काफिले पर हुए एक आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद इस संगठन को अवैध घोषित कर दिया गया।

प्रतिबंध लगाते हुए केंद्र ने कहा था कि केंद्र का विचार है कि जेकेएलएफ का ‘आतंकवादी संगठनों के साथ करीबी संपर्क है’ और यह जम्मू-कश्मीर तथा अन्य जगह पर आतंकवाद और चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है।

ये भी देखें : अयोध्या केस: सुप्रीम कोर्ट ने बताया, कब तक होगी राम मंदिर पर सुनवाई

यासीन मालिक 1990 के बाद से ही जमानत पर था

1990 में वायुसेना के पांच जवानों की श्रीनगर में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस केस में अलगाववादी नेता यासीन मलिक का भी नाम शामिल है और वह जेल में है। यह मामला जम्मू के टाडा कोर्ट में है। यासीन मलिक को कुछ महीने पहले ही पकड़ा गया था।

वह 1990 के बाद से ही जमानत पर था। यासीन को एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में भी पकड़ा था। यासीन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जज के सामने पेश किया जाएगा।

25 जनवरी 1990 को श्रीनगर शहर में यह वारदात हुई थी। 1989 में पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण मामले में भी यासीन का नाम शामिल है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

सीबीआई की ओर से 1990 में ही दो मामलों का चालान पेश किया जा चुका है। 1995 में यासीन ने इस मामले की सुनवाई पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था। 2008 में यासीन ने इस मामले की सुनवाई को जम्मू से श्रीनगर शिफ्ट करने की याचिका भी दायर की थी। लेकिन अप्रैल 2019 में सीबीआई ने यासिन की इस याचिका को चुनौती दी और कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।

ये भी देखें : महाराजा की 365 रानियां! इस तरह करते थे रात बिताने का फैसला

पुलवामा हमले के 8 दिन बाद 22 फरवरी को यासीन मलिक को गिरफ्तार किया था। इसी साल मार्च में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ को आतंक विरोधी कानून (UAPA) के तहत बैन कर दिया था।



\
SK Gautam

SK Gautam

Next Story