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कुत्ते ने खोजा ओसामा को: अब दिल्ली मेट्रो में होगा तैनात, बहुत खतरनाक है पोलो
कुत्तों की यह प्रजाति पैराशूटिंग और किसी भी एयरक्राफ्ट से नीचे उतरने में बेस्ट होते हैं। भारत में इस समय एंटी-नक्सल ऑपरेशंस में शामिल सीआरपीएफ की कोबरा और आईटीबीपी की बटालियनें इसका प्रयोग कर रही हैं।
नई दिल्ली: कुत्ता एक वफादार जानवर होता है, अपने मालिक पर आने वाली मुसीबत को वह पहले ही भांप लेता है। पूरे देश में कोविड-19 महामारी के चलते छह महीने से बंद दिल्ली की मेट्रो सेवाएं अब फिर से 7 सितंबर को शुरू होने जा रही हैं। दिल्ली मेट्रो में सफर करते हुए यात्रियों की सुरक्षा बेहद अहम् मुद्दा है। इस बार मेट्रो में यात्रा करते वक्त आपकी मुलाकात डीएमआरसी के नए संरक्षक 'पोलो' से हो सकती है।
एंटी-नक्सल ऑपरेशन में प्रयोग होता है बेल्जियम मैलिनोइस कुत्ता
बता दें कि पोलो विशेष कौशल के साथ एक चुस्त बेल्जियम मैलिनोइस कुत्ता है जिसे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा पहली बार पोस्टिंग दी जा रही है। पोलो अब सीआईएसफ के साथ यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहेगा। बेल्जियन मेलिनियॉस को इराक और अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर प्रयोग किया गया था। दिखने में यह जर्मन शेफर्ड जैसे लगते हैं लेकिन यह उनसे काफी अलग होते हैं।
पैराशूटिंग के मामले में बेस्ट होता है यह कुत्ता
कुत्तों की यह प्रजाति पैराशूटिंग और किसी भी एयरक्राफ्ट से नीचे उतरने में बेस्ट होते हैं। भारत में इस समय एंटी-नक्सल ऑपरेशंस में शामिल सीआरपीएफ की कोबरा और आईटीबीपी की बटालियनें इसका प्रयोग कर रही हैं। इसके अलावा एनएसजी के पास भी ये खास कुत्ते हैं। वहीं सीआईएसएफ जिसके पास मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट की सिक्योरिटी का जिम्मा है, वह भी इस डॉग स्क्वॉयड से लैस होगी।
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ओसामा बिन लादेन की पहचान करने वाला "कुत्ता"
पोलो कोई साधारण कुत्ता नहीं है क्योंकि वह उसी नस्ल से संबंधित है जिसने ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए पाकिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों द्वारा शुरू किए गए एक ऑपरेशन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसी नस्ल के कुत्ते "काहिरा" ने ऑपरेशन के दौरान ओसामा बिन लादेन की पहचान की थी। जिसके बाद ओसामा को अमेरिकी जवानों ने खत्म कर दिया था।
पोलो 40 किलोमीटर तक पैदल चल सकता है
यह पहला मौका होगा जब बेल्जियम मैलिनोइस नस्ल के कुत्ते को राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी प्रतिष्ठान पर तैनात किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो में हर कुत्ते के साथ एक हैंडलर ही रहते हैं जबकि पोलो को दो हैंडलर संभालेंगे। K9 टीम के हेड इंस्पेक्टर राजेन्द्र पिलानिया ने बताया कि पोलो अपनी चपलता की वजह से दूसरों से बिलकुल अलग है। वह करीब 40 किलोमीटर तक पैदल चल सकता है जबकि दूसरे कुत्ते सिर्फ 4 से 7 किलोमीटर तक चल सकते हैं। उसके पास बेमिसाल सूंघने का भाव है। सीआईएसएफ के पास 61 कुत्ते हैं, जिन्हें दिल्ली मेट्रो के अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
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दिल्ली के इन मेट्रो स्टेशनों पर तैनात होगा पोलो
उन्होंने कहा कि पोलो की राजीव चौक, कश्मीरी गेट आदि जैसे प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर तैनात होने की सबसे अधिक संभावना होगी, जबकि उसे चोरी के मामलों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सीआईएसएफ K9 टीम मेट्रो में सुरक्षा कर्तव्यों पर वापस आने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 में मेट्रो रेल चलाने की अनुमति दे दी है।