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Demonetisation of 2000 Rupee Note: नोट वापसी का कोई खास असर नहीं पड़ेगा इकोनॉमी पर
Demonetisation of 2000 Rupees Note: 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, ये सवाल महत्वपूर्ण है। कहीं 2016 वाली नोटबन्दी जैसे हालात तो नहीं हो जाएंगे?
Demonetisation of 2000 Rupees Note: 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, ये सवाल महत्वपूर्ण है। कहीं 2016 वाली नोटबन्दी जैसे हालात तो नहीं हो जाएंगे?
इसका जवाब ये है कि 2000 के नोट बन्द करने का अर्थव्यवस्था पर बहुत मामूली प्रभाव पड़ेगा। वजह ये है कि इस तरह के नोट अपेक्षाकृत बहुत कम हैं और दूसरी बात ये कि 2000 के नोट की अदला बदली करने के लिए काफी समय दिया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैध बदलाव हमेशा से होते रहे हैं, और आगे भी होते रहेंगे क्योंकि सिस्टम में नकदी का एक बहुत बड़ा हिस्सा इससे प्रभावित नहीं हो रहा है।
रिज़र्व बैंक का फैसला
रिज़र्व बैंक ने 19 मई को कहा था कि 2,000 रुपये के नोट चलन से वापस ले लिए जाएंगे और बैंकों से तत्काल प्रभाव से इन नोटों को जारी करना बंद करने को कहा गया है। केंद्रीय बैंक ने जनता को 2,000 रुपए के नोट बदलने या जमा करने के लिए सितंबर अंत तक चार महीने का समय दिया है। बता दें कि नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद 2,000 रुपये के नोट पेश किए गए थे।
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कम नोट हैं प्रचलन में
जानकारों का कहना है कि लोग परेशान न हों क्योंकि 2,000 रुपये वैसे भी प्रचलन में ज्यादा नहीं थे। इस समय जो भी 2,000 रुपये के नोट मौजूद हैं, वे शायद गैर-बैंकिंग चैनलों में हैं और यही वह हैं जो बाहर धकेल दिए जाएंगे।आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2,000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य 31 मार्च, 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये या 37.3 प्रतिशत था। जो 31 मार्च, 2023 को घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये या कुल नोटों का 10.8 प्रतिशत हो गया। 2017 के विमुद्रीकरण की अवधि में 2000 के नोट का प्रचलन अपने चरम पर था, जब यह बैंक नोटों के कुल मूल्य का 50.2 प्रतिशत था।
अब चूंकि बहुत कम नोट जनता के बीच हैं सो इनकी वापसी का आर्थिक लेन-देन पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। पहले से ही एटीएम में 2000 के नोट मिलना बंद हो गए थे। इनकी छपाई भी बन्द कर दी गई थी। बैंकों से भी ये नोट नहीं मिलते थे। ऐसे में 2000 का नोट बन्द हो जाने से लोगों को कोई कमी शायद ही महसूस होगी।
हल्के प्रभाव
कुछ जानकारों का कहना है कि चलन से नोट वापस लेने से निकट अवधि में सेंटिमेंट से संबंधित कुछ नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन यह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। लेकिन कृषि, निर्माण, छोटे व्यापारियों और एमएसएमई जैसे नकदी लेनदेन वाले क्षेत्रों पर प्रभाव कुछ बड़ा हो सकता है।
एक असर ये भी हो सकता है कि लोग 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग खरीदारी में कर दें। इसे बाजार को ढक गति भी मिलेगी।