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दुश्मनों की तबाही शुरू: भारत के पास अब हॉक आई विमान, सेकेंडों में होगा काम-तमाम

देश के आगे अब दुश्मनों और उनके नापाक इरादों की कोई खैर नहीं है। मजबूती होते भारत ने बृहस्पतिवार को स्वदेशी हॉक आई विमान (Hawk-i aircraft ) से स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (सॉ) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

Vidushi Mishra
Published on: 22 Jan 2021 10:56 AM IST
दुश्मनों की तबाही शुरू: भारत के पास अब हॉक आई विमान, सेकेंडों में होगा काम-तमाम
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लगातार भारतीय सेना की बढ़ती ताकत के आगे अब दुश्मनों का वजूद बिल्कुल खत्म होता जा रहा है। देश के आगे अब दुश्मनों और उनके नापाक इरादों की कोई खैर नहीं है।

नई दिल्ली। लगातार भारतीय सेना की बढ़ती ताकत के आगे अब दुश्मनों का वजूद बिल्कुल खत्म होता जा रहा है। देश के आगे अब दुश्मनों और उनके नापाक इरादों की कोई खैर नहीं है। मजबूती होते भारत ने बृहस्पतिवार को स्वदेशी हॉक आई विमान (Hawk-i aircraft ) से स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (सॉ) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। ऐसे में रक्षा PSU हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने ओडिशा के तट से हॉक-आई विमान से एक स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वेपन (SAAW) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

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दुश्मनों की तबाही शुरू

ऐसे में स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) रिसर्च सेंटर इमरत (RCI) द्वारा विकसित किया गया है। ये सॉ 100 किमी दूर स्थित दुश्मन के रडार, बंकर, टैक्सी ट्रैक, रनवे सहित किसी भी ठिकाने को तबाह करने की कई गुना ज्यादा क्षमता रखता है।

बता दें, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) रिसर्च सेंटर इमरत (RCI) द्वारा विकसित इस हथियार का वजन 125 किलो है। इस ​हथियार को पहले जगुआर विमान में लगाया गया था। फिर बाद में जगुआर विमान में सफल परीक्षण के बाद इसे अब हॉक आई विमान से इसका सफल परीक्षण किया गया है।

HAWK I फोटो-सोशल मीडिया

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हथियार का परीक्षण

इस पर एचएएल के परीक्षण पायलट रिटायर्ड विंग कमांडर पी अवस्थी और रिटायर्ड विंग कमांडर एम पटेल ने हॉक-एमकेआई 132 विमान से उड़ान भरी और इस हथियार का परीक्षण किया।

जानकारी के लिए बता दें कि सेना को मजबूती देता ये एक तरह का निर्देशित बम है। जोकि दुश्मनों के ठिकानों को क्षणभर में ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाला ये बम किसी भी मिसाइल या रॉकेट की तुलना में बहुत सस्ता है। वहीं भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर इसे राफेल में भी लगाने की तैयारी है। जबकि इस परियोजना को 2013 में केंद्र सरकार ने इजाजत दे दी थी।

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Vidushi Mishra

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