आया देश का स्वदेशी माइक्रोकॉप्टर, छिपे दुश्मनों का भी क्षण भर में होगा खात्मा

भारत में स्वदेशी माइक्रोकॉप्टर को विकसित किया है। इस माइक्रोकॉप्टर का उपयोग सेना द्वारा किसी भी इमारत या कमरे के भीतर की निगरानी करने में किया जा सकता है। इसमें सेना को और खुफिया एजेंसी को छिपे हुए आतंकवादी और अपराधियों को पकड़ने में किया जा सकता है।

Vidushi Mishra
Published on: 14 Jan 2021 5:17 AM GMT
आया देश का स्वदेशी माइक्रोकॉप्टर, छिपे दुश्मनों का भी क्षण भर में होगा खात्मा
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DRDO ने बुधवार को एक आधुनिक पिस्टल का प्रदर्शन किया, जिसका नाम एएसएमआई है। ये हथियार पूरी तरह से भारत में ही विकसित किया गया है।

नई दिल्ली: देश की भारतीय सेना के एक अधिकारी ने स्वदेशी माइक्रोकॉप्टर को विकसित किया है। इस माइक्रोकॉप्टर का उपयोग सेना द्वारा किसी भी इमारत या कमरे के भीतर की निगरानी करने में किया जा सकता है। इसमें सेना को और खुफिया एजेंसी को छिपे हुए आतंकवादी और अपराधियों को पकड़ने में किया जा सकता है। देश के स्वदेशी माइक्रोकॉफ्टर को लेफ्टिनेंट कर्नल जीवाईके रेड्डी ने विकसित किया है।

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आधुनिक पिस्टल

ऐसे में जम्मू-कश्मीर में एक पैरा स्पेशल फोर्स बटालियन के द्वारा माइक्रो कंप्यूटर के परीक्षणों को सफलतापूर्वक किया गया है। इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार, माइक्रोकॉप्टर का परीक्षण किए जाने के बाद कुछ सुधार किए जा रहे हैं।

इसके साथ ही भारतीय सेना ने सीमाओं के साथ निगरानी के लिए स्विच ड्रोन प्राप्त करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। वहीं मोहित बंसल, आइडिया फोर्ज के अनुसार, वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग ड्रोन में 4,500 मीटर की अधिकतम ऊंचाई पर दो घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता है।

रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन(DRDO) ने बुधवार को एक आधुनिक पिस्टल का प्रदर्शन किया, जिसका नाम एएसएमआई है। ये हथियार पूरी तरह से भारत में ही विकसित किया गया है। बता दें, अभी तक सैन्य बल 9 एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल करते थे।

indian army search operation फोटो-सोशल मीडिया

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काफी कारगर हथियार

ऐसे में उसकी जगह पर इसे काफी कारगर हथियार माना जा रहा है। वैसे तो ये ऑटोमैटिक पिस्टल आकार में भी ज्यादा बड़ी नहीं है, जिस वजह से ऑपरेशन के दौरान जवान आसानी से इसको ले जा सकते हैं। बेहद खास बात तो ये है कि ये आसानी से 100 मीटर तक अपने निशाने को भेद सकती है। ये इजरायल की यूजेडआई सीरीज की गन की श्रेणी में आती है।

जीं हां भारतीय सेना ने एक और खास उपलब्धि हासिल की है। भारतीय सेना के मेजर अनूप मिश्रा ने दुनिया की पहली यूनिवर्सल बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। इस स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट को 'शक्ति' नाम दिया गया है।

जैकेट की सबसे खास बात यह है कि इसे महिला और पुरुष दोनों पहन सकेंगे, जो इसे बाकी बुलेटप्रूफ जैकेट से अलग बनाती है। इसके साथ ही यह जैकेट दुनिया का पहला फ्लेक्सिबल बॉडी आर्मर भी है। जिससे सेना आसानी से कैरी कर सकती है।

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Vidushi Mishra

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