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दिग्विजय ने PM मोदी पर कसा तंज, बोले मोदी सरकार में बढ़े आतंकी हमले
दिग्विजय ने कहा कि प्रधानमंत्री में क्या ये परिवर्तन सच में है या सिर्फ एक जुमला ही है। देश में आज सांप्रदायिकता का जहर कूट-कूटकर भर दिया गया है, अब इसे वापस निकालना आसान नहीं है।
नई दिल्ली: संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर बीते दो दिनों से बहस जारी है। मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति दंगों में मरे 2500 लोगों पर माफी मांगने को तैयार नहीं हुआ, वो आज सबके विश्वास की बात कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि 2014 का सबका साथ-सबका विकास, 2019 तक आते-आते 2019 में विश्वास जुड़ गया है। दिग्विजय बोले कि जो व्यक्ति राष्ट्रपति की इफ्तार पार्टी में जाने को राजी नहीं था वो आज अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने की बात कर रहे हैं। जिस व्यक्ति ने मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार कर दिया, केंद्र सरकार की योजना को लागू करने से मना कर दिया वह विश्वास की बात कर रहे हैं।
दिग्विजय ने कहा कि प्रधानमंत्री में क्या ये परिवर्तन सच में है या सिर्फ एक जुमला ही है। देश में आज सांप्रदायिकता का जहर कूट-कूटकर भर दिया गया है, अब इसे वापस निकालना आसान नहीं है। आप विश्वास की बात कर रहे हैं लेकिन आपके समर्थक झारखंड में एक व्यक्ति को मार रहे थे। भले ही उसने चोरी की थी लेकिन उसे कानूनी रूप से सजा मिलनी चाहिए थी।
कांग्रेस सांसद बोले कि लोकसभा में आज जय श्री राम और अल्लाह हू अकबर के नारे लग रहे हैं। आज देश में ऐसे नेता सामने आ रहे हैं जो हिंदुओं को भड़काते हैं, मुसलमानों को भड़काते हैं जो चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन ले जाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था का आज बुरा हाल हो गया है। धोखे के साथ गलत आंकड़े जारी किए जा रहे हैं।
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दिग्विजय ने कहा कि पिछले 5 साल में बेरोजगारी बढ़ी है, लेकिन राष्ट्रपति के भाषण में उसका जिक्र ही नहीं है। इस दौरान उन्होंने बैंकिंग सेक्टर के बुरे हाल पर भी केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2014 में इन्होंने कश्मीरी पंडितों को वापस भेजने का वादा किया, लेकिन क्या सरकार आज इस पर जवाब दे पाएगी। मोदी सरकार के कार्यकाल में आतंकी हमले बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले से पहले कश्मीर पुलिस ने सेना को सिग्नल दिया था कि वहां पर कुछ गड़बड़ हो सकती है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसपर जवाब देना चाहिए। मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देने के बाद प्रधानमंत्री राज्यसभा में भी अलग से इस पर जवाब देंगे।