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क्या आपको पता है जंगे ए आजादी से भी जुड़ा है 12 अगस्त

देश की आजादी के लिए अगस्त का महीना बहुत खास है। उसी तरह भारत के इतिहास में 12 अगस्त का दिन भी महत्वपूर्ण है। महत्वपू्र्ण इसलिए है क्योंकि सन् 1765 में इलाहाबाद संधि के तहत देश में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की शुरूआत हुई थी।

Vidushi Mishra
Published on: 11 Aug 2019 2:06 PM GMT
क्या आपको पता है जंगे ए आजादी से भी जुड़ा है 12 अगस्त
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क्या आपको पता है जंगे ए आजादी से भी जुड़ा है 12 अगस्त

लखनऊ : देश की आजादी के लिए अगस्त का महीना बहुत खास है। उसी तरह भारत के इतिहास में 12 अगस्त का दिन भी महत्वपूर्ण है। महत्वपू्र्ण इसलिए है क्योंकि सन् 1765 में इलाहाबाद संधि के तहत देश में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की शुरूआत हुई थी। लॉर्ड क्लाइव, मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय और नज़्मुद्दौला के बीच यह समझौता हुआ था।

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आपको बता दें, कि सन् 1757 में लार्ड क्लाइव की सरपरस्ती में हुई प्लासी की लड़ाई से ही ब्रिटिशों के लिए भारत में आने का रास्ता खुल गया था। फिर 1764 में बक्सर की जीत ने ईस्ट इंडिया कंपनी के हौसले बुलंद कर दिए थे। इस जीत की छाप बादशाह शाह आलम, बंगाल के नवाब मीर कासिम और अवध के नवाब शुजाउद्दौला पर भी साफ देखी जा सकती थी।

अब ईस्ट इंडिया कंपनी की पहुंच धीरे-धीरे मजबूत होती जा रही थी। जिसके पीछे लार्ड क्लाइव का मेन रोल था। लार्ड क्लाइव की सफलताओं को देखते हुए ही उसे 1765 ई. में दोबारा बंगाल का गवर्नर बना दिया गया।

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इसके बाद 12 अगस्त 1765 को शुरू हुई पहली संधि में कुछ शर्तें रखी गईं। जिसके तहत ईस्ट इंडिया कंपनी को मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय से बिहार, बंगाल और ओडिसा की दीवानी हासिल हुई। फिर ऐसेे सिलसिला चलता रहा और इलाहाबाद के जिलों को अवध के नवाब से लेकर शाह आलम को दे दिया गया। और तो और ईस्ट इंडिया कंपनी ने 26 लाख रुपए की वार्षिक पेंशन भी मुगल सम्राट को देने की मंजुरी दे दी।

Vidushi Mishra

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