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क्या आप जानते हैं एक सेकेंड के ईंधन में चंद्रयान कितने KM की दूरी तय करता है?
चंद्रयान एक सेकेंड के ईंधन में 500 किलोमीटर की दूरी तय कर रहा है। 15 अगस्त के आसपास जब ये अपनी कक्षा बदलने वाला होगा, तब वो एक सेकेंड में और भी ज्यादा रफ्तार पकड़ चुका होगा।
नई दिल्ली: चंद्रयान एक सेकेंड के ईंधन में 500 किलोमीटर की दूरी तय कर रहा है। 15 अगस्त के आसपास जब ये अपनी कक्षा बदलने वाला होगा, तब वो एक सेकेंड में और भी ज्यादा रफ्तार पकड़ चुका होगा।
चन्द्रयान से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान लगातार अपनी स्पीड में इजाफा कर रहा है। आने वाले समय में ये स्पीड और तेज होती चली जाएगी। हर बार जब चंद्रयान-2 की कक्षा बदलेगी। उसकी स्पीड में भी बढ़ोतरी होगी।
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चंद्रयान लगातार रफ्तार बढाते हुए ईंधन की कर रहा है बचत
इसरो के वैज्ञानिकों ने ईंधन और रॉकेट की दूरी तय करने का जो गणित तैयार किया था, उसने उससे बेहतर प्रदर्शन किया है। वो लगातार अपनी रफ्तार बढाते हुए ईंधन की बचत भी कर रहा है। आगे भी ऐसा चलता रहेगा।
अगले 10 दिनों में चंद्रयान-2 की कक्षा तीन बार और बदली जाएगी। इससे यान करीब 1,43,953 किमी दूर स्थित कक्षा तक पहुंचाया जाएगा। हर बार कक्षा बदलने के साथ ही चंद्रयान-2 की ऊर्जा बढ़ती जाएगी, फिर ये अधिकतम ऊर्जा के साथ पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चांद की कक्षा की ओर बढ़ेगा।
चंद्रयान 14 अगस्त से 20 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 20 अगस्त को ये चांद की कक्षा में पहुंचेगा। 11 दिनों तक इसके चांद के चारों ओर घूमने की उम्मीद है।
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एक सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से हो जायेंगे अलग
एक सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। फिर ये चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ जाना शुरू करेगा। पांच दिनों बाद 6 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। लैंडिंग होते ही चार घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर विभिन्न प्रयोग करने लगेगा।
मालूम हो कि 22 जुलाई को लांच किए गए चंद्रयान-2 मिशन की सफलता ने तो चीन को भी हैरान कर दिया है। उसने भी भारत को इसके लिए बधाई दी है। माना जा रहा है कि इसरो के वैज्ञानिक भी चंद्रयान के मौजूदा प्रदर्शन से काफी खुश हैं। क्योंकि उसने उनकी उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है।
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