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कुछ ऐसी है रमा देवी की संघर्ष की कहानी, पति की यूपी के इस डॉन ने कर दी थी हत्या
बीजेपी सांसद और लोकसभा में स्पीकर की चेयर संभाल रहीं महिला सांसद रमा देवी पर आजम खान ने विवादित टिप्पणी की थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, बीजेपी नेता जया प्रदा समेत कई दिग्गज नेताओं द्वारा आजम खान के बयान की निंदा की है।
नई दिल्ली: बीजेपी सांसद और लोकसभा में स्पीकर की चेयर संभाल रहीं महिला सांसद रमा देवी पर आजम खान ने विवादित टिप्पणी की थी। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, बीजेपी नेता जया प्रदा समेत कई दिग्गज नेताओं द्वारा आजम खान के बयान की निंदा की है। लेकिन आप रमा देवी के संघर्ष की कहानी सुनेंगे तो आपके आखों में आसू आ जाएंगे।
घर से निकलकर संसद और स्पीकर की कुर्सी पर पहुंचने वाली रमा देवी का राजनीतिक करियक संघर्ष की एक कहानी है। रमा देवी शिवहर से बीजेपी की सांसद हैं। रमा देवी ने यह मुकाम अपनी जिंदगी में बड़े संघर्ष के बाद हासिल किया है। वह तीसरी बार जीतकर सांसद बनी हैं। रमा देवी का घर बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में है। रमा देवी ने मुजफ्फरपुर से ही वकालत की पढ़ाई की जिसके बाद 1998 तक वो आम गृहणी की जिंदगी बिता रही थीं।
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जब रमा देवी गृहणी की जिंदगी बिता रही थीं तब उनके पति बृज बिहारी प्रसाद बिहार सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री थे। उनकी छवि एक बाहुबली बनिया नेता की थी। उन पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े से एडमिशन कराने के आरोप लगे थे।
लेकिन उनको सियासी जमीन पर छोटन शुक्ला चुनौती दे रहा थे। छोटन शुक्ला दबंग भूमिहार जाति से थे। उन्हें मुजफ्फरपुर के विधायक रघुनाथ पांडेय की शह मिली हुई थी। लेकिन 4 दिसंबर 1994 में छोटन शुक्ला की हत्या हो गई और इस हत्या में बृज बिहारी प्रसाद का हाथ होने की बात कही जाने लगी।
जल्दी ही बदला लेने की बात चारों तरफ फैलने लगी। 1998 में एडमिशन घोटाले में बृज बिहारी प्रसाद गिरफ्तार हो गए।उन्होंने सीने में दर्द की बात कही। पुलिस ने पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में उन्हें भर्ती करा दिया।
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अस्पताल में बृज बिहारी की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे, क्योंकि उनको बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता था। अभी छोटन शुक्ला हत्या का बदला लेने की आग जल रही थी। 13 जून, 1998 को अस्पताल परिसर में ही यूपी के डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल ने एके-47 से उनको पर गोलियों की बारिश कर दी।
बृजबिहारी की गिरफ्तारी के बाद आरजेडी ने पत्नी रमा देवी को मोतिहारी से लोकसभा का टिकट दिया और वो 1998 में लोकसभा चुनाव जीत भी गईं।
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पति की हत्या के बाद रमा देवी ने अपने आप को संभाला और संघर्ष करते हुए सियासी जमीन तैयार कर ली। मौके की नजाकत को समझते हुए रमा देवी ने बीजेपी का दामन थाम लिया और 2009 में वो पार्टी के टिकट पर लोकसभा पहुंच गईं। उसके बाद लगातार तीसरी बार वो इस साल सांसद बनी हैं।