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केजरीवाल का बड़ा फैसला:सरकार करेगी बिना नाम के काम, केंद्र को दिया तगड़ा जवाब
शनिवार को सीएम केजीरवाल ने समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसके बाद उन्होंने प्रेसवार्ता कर कहा कि हम केंद्र सरकार की हर शर्त मानने के लिए तैयार हैं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' पर रोक लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फैसला लिया है कि अब ऐसी कोई योजना ही नहीं रहेगी, इसका कोई नाम नही होगा, जनता को ऐसा ही राशन पहुंचाया जाएगा। साथ ही केजरीवाल ने कहा कि वो केंद्र सरकार की हर शर्त मानने को तैयार हैं।
केंद्र सरकार की हर शर्त
दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के मामले को लेकर केंद्र और राज्य के बीच तकरार अब अंजाम तक पहुंच गई है।शनिवार को सीएम केजीरवाल ने समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसके बाद उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार की हर शर्त मानने के लिए तैयार हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये 20 वर्ष पुराना सपना था, कि गरीबों को साफ सुथरा और आसानी से राशन मिले। जब सत्ता में नहीं थे, तो ये सपना देखा था। राशन की चोरी की जा रही थी। राशन माफिया पूरी तरह हावी था। विरोध करने पर राशन माफिया ने अटैक किया।
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मुख्यमंत्री घर घर राशन
केंद्र के इस फैसले से बड़ा धक्का लगा है। केंद्र की ओर से इस योजना पर रोक के लिए मिले पत्र में लिखा है कि इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर घर राशन नहीं रख सकते हैं। ये योजना नाम बनाने या क्रेडिट लेने के लिए नहीं कर रहे हैं। क्रेडिट केंद्र का और काम हमारा। अब इस योजना का कोई नाम नहीं है, ये फैसला सुबह अधिकारियों के साथ बैठक में लिया गया है। केंद्र सरकार की आपत्ति इससे दूर हो गई होगी और आगे इस योजना को लागू करने देगी
योजना पर व्यक्तिगत
फिर दिल्ली में जब सरकार बन गई, तो निर्णय लेने का अधिकार मिल मिल गया। इसके बाद इस योजना पर व्यक्तिगत रूप से काम किया। किस तरह गरीबों को राशन पहुंचाना है, इसे लेकर योजना बनाई गई. चार साल पहले इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया। काफी तकलीफें आईं। राशन माफिया काफी ताकतवर है। ये क्रांतिकारी योजना है। राशन माफिया आसानी से काम नहीं करने देगा।
ईमानदारी से राशन पहुंचाना
सीएम केजरीवाल ने कहा कि जनता तक ईमानदारी से राशन पहुंचाना लक्ष्य है। ये योजना काम का क्रेडिट लेने के लिए नहीं लाए थे। हमारा उद्देश्य बस गरीबों की को हल करना था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना शुरू होने जा रही थी।
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लंबी लाइन में लगना
अब तक दुकान से राशन मिलता था, लंबी लाइन में लगना पड़ता था और तरह तरह की परेशानी होती हैं। सरकार ने समाधान निकालते हुए आटा, चावल पैक करके घर भिजवाने का फैसला किया था। 25 मार्च से से इस योजना को लागू होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने लागू करने से इनकार कर दिया।