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मिशन शक्ति: डीआरडीओ ने चिदंबरम को दिया जवाब, कहा- ऐसे कार्यों को गोपनीय नहीं रख सकते
डीआरडीओ के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शानिवार को कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसे किसी भी सूरत में गोपनीय नहीं रखा जा सकता है।
नई दिल्ली: डीआरडीओ के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शानिवार को कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसे किसी भी सूरत में गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। क्योंकि उपग्रह को दुनिया भर के कई स्टेशनों द्वारा ट्रैक किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई थीं।
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दरअसल, इस मिशन पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बीते दिनों मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि उपग्रह को मार गिराने की हमारे पास क्षमता कई वर्षों से रही है। सूझबूझ वाली सरकार देश की इस क्षमता को गोपनीय रखती है। केवल नासमझ सरकार ही देश की रक्षा क्षमता का खुलासा करती है।
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डीआरडीओ प्रमुख के मुताबिक, अंतरिक्ष में ध्वतस्त किए गए उपग्रह का मलबा 45 दिनों के भीतर ही नष्टा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश ने जमीन से स्पेस में उपग्रह को ध्वस्त करके अपनी प्रतिरोधक क्षमता का परिचय दिया है। यह रक्षा क्षेत्र के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
एंटी सेटेलाइट मिसाइल द्वारा लक्षित उपग्रह के मलबे को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की चिंताओं पर डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि यह मलबा कुछ ही हफ्तों में नष्टा हो जाएगा। यह अंतरिक्ष में किसी दूसरे उपग्रह के लिए समस्या का कारण नहीं बनेगा। परीक्षण के तुरंत बाद से ही मलबे के टुकड़े हमारे राडारों की नजर में आ गए थे। इन टुकड़ों पर नजर रखने के लिए और भी तकनीकें मौजूद हैं।
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