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LAC पर महाशक्तिशाली मिसाइल: भारत की बड़ी जीत, चीन अब हर हाल में होगा दफन

चीन को परास्त करने के लिए भारत खुद को मजबूत करने की हर कोशिश में लगा हुआ है। सीमा पर कई बार चीन की धोखेबाजी का सबक मिलने के बाद अब भारत किसी कीमत पर पीछे नहीं रहेगा। ऐसे में बुधवार को देश के हाथों एक और बड़ी सफलता लगी है।

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Published on: 30 Sep 2020 11:23 AM GMT
LAC पर महाशक्तिशाली मिसाइल: भारत की बड़ी जीत, चीन अब हर हाल में होगा दफन
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चीन को परास्त करने के लिए भारत खुद को मजबूत करने की हर कोशिश में लगा हुआ है। सीमा पर कई बार चीन के धोखेबाजी के बाद अब भारत किसी कीमत पर पीछे नहीं रहेगा।

नई दिल्ली। चीन को परास्त करने के लिए भारत खुद को मजबूत करने की हर कोशिश में लगा हुआ है। सीमा पर कई बार चीन की धोखेबाजी का सबक मिलने के बाद अब भारत किसी कीमत पर पीछे नहीं रहेगा। ऐसे में बुधवार को देश के हाथों एक और बड़ी सफलता लगी है। जीं हां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया। संगठन द्वारा इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन का परीक्षण किया गया था। जिसकी रेंज मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किमी की गई है।

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एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (DRDO) के अनुसार, इस परीक्षण को संस्था के PJ-10 प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया गया है। बुधवार को इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में किया गया। जो भारत की सैन्य शक्ति में और अधिक मजबूती देने वाला प्रयोग है। इस मिसाइल में उपयोग किए गए एयरफ्रेम और बूस्टर को देश में ही बनाया गया है।

बता दें, ब्रह्मोस के अपग्रेडेड वर्जन को भारत के ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल(DRDO) और रूस के NPOM ने साथ मिलकर बनाया है। जिससे वॉर शिप, सबमरीन, फाइटर जेट और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल(DRDO) को इस सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है।

supersonic cruise missile फोटो-सोशल मीडिया

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ब्रह्मोस पहली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल

देश को मिली बड़ी सफलता के चलते बता दें, ब्रह्मोस पहली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल है, जो इस समय सर्विस में है। सन् 2005 में आईएनएस राजपूत पर भारतीय नेवी ने इस मिसाइल का इंडक्शन किया था। ऐसे में अब भविष्य में सभी वॉर शिप में नए अपग्रेडशन की सुविधा के साथ इसे शामिल किया जाएगा।

देश की सेना में इससे पहले भी ब्रह्मोस मिसाइल को अपनी तीन रेजिमेंट में शामिल किया हुआ है, मतलब कि अगर दुश्मन कुछ गुस्ताखी या नापाक हरकत करता है तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा।

वहीं लद्दाख में चीन के साथ बीते कुछ महीनों से जिस तरह की तनावग्रस्त स्थिति बनी हुई है, ऐसे हालातों में भारत के हाथ नई ताकत का लगना दुश्मन को खतरे में डाल सकता है। जिसके चलते भारत लगातार देसी और विदेशी हथियारों से सेना को मजबूत करने में लगा है।

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