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Eid 2019: जानिए क्यों मनाई जाती है ईद, कब और कैसे हुई थी शुरुआत

देशभर में मंगलवार को ईद का चांद दिखने के बाद आज ईद-उल-फितर मनाई जा रही है। ईद के मौके पर लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी और देश दुनिया में अमन-चैन की दुआं मांगी।

Dharmendra kumar
Published on: 5 Jun 2019 5:38 AM GMT
Eid 2019: जानिए क्यों मनाई जाती है ईद, कब और कैसे हुई थी शुरुआत
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लखनऊ: देशभर में मंगलवार को ईद का चांद दिखने के बाद आज ईद-उल-फितर मनाई जा रही है। ईद के मौके पर लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी और देश दुनिया में अमन-चैन की दुआं मांगी। ईद का चांद दिखने के बाद एक महीने से चल रहा रमजान का पाक महीना आज खत्म हो गया है। रमजान के पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं।

ईद का त्योहार भाईचारे को बढ़ावा देने वाला और बरकत के लिए दुआएं मांगने वाला पर्व है। आइए जानते हैं ईद क्यों मनाई जाती है और इस त्योहार की शुरुआत कैसे हुई…

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पवित्र कुरान के मुताबिक, रजमान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह एक दिन अपने बंदों को बख्शीश और इनाम देता है। इसीलिए इस दिन को ईद कहते हैं। बख्शीश और इनाम के इस दिन को ईद-उल-फितर कहा जाता है।

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मुसलमान ईद में खुदा का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की ताकत दी। ईद पर एक खास रकम (जकात) गरीबों और जरूरतमंदों के लिए निकाल दी जाती है। नमाज के बाद परिवार में सभी लोगों का फितरा दिया जाता है, जिसमें 2 किलो ऐसी चीज दी जाती है, जो प्रतिदिन खाने की हो।

पहली ईद उल-फितर पैगंबर मुहम्मद ने सन् 624 ईस्वी में जंग-ए-बदर के बाद मनाया थी। पैगंबर हजरत मोहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। उनके विजयी होने की खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा करने से पहले हर मुसलमान का फर्ज है कि वो दान या जकात दे।

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रमजान महीने में रोजे रखने को फर्ज करार दिया गया है। ऐसा इसलिए, ताकि इंसान को भूख-प्यास का अहसास हो सके और वह लालच से दूर होकर सही राह पर चले। रमजान के दिन कई तरह के पकवान बनते हैं और मीठी सेवइयां एक-दूसरे को खिलाते हैं। परिवार और दोस्तों को तोहफा देते हैं।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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