×

मरते बच्चों से कांपा देश: मध्यप्रदेश में मौत का अस्पताल, मचा हाहाकार

अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है मरने वाले आठ में से सात बच्चे निमोनिया से पीड़ित थे, जबकि एक बच्चे की मौत गंदा पानी पीने की वजह से हो गई थी। नवजात को डिलिवरी के दौरान गंदा पानी पिला दिया था, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई थी।

Newstrack
Published on: 2 Dec 2020 3:53 PM IST
मरते बच्चों से कांपा देश: मध्यप्रदेश में मौत का अस्पताल, मचा हाहाकार
X
मरते बच्चों से कांपा देश: मध्यप्रदेश में मौत का अस्पताल, मचा हाहाकार

भोपाल: एक ऐसा अस्पताल जहां पिछले पांच दिनों में कुल आठ बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से चार बच्चे ऐसे हैं, जो मात्र दो से पांच दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती हुए थे। चौंकाने वाली बात तो यह है कि मध्यप्रदेश के शहडोल के जिला अस्पताल में मात्र 20 बेड हैं, लेकिन यहां 32 बच्चे इलाज के लिए भर्ती थे। अनियमितता की जांच में इस अस्पताल को क्लीन चिट भी गई।

लापरवाही में गई आठ बच्चों की जान, फिर भी क्लीन चिट

अस्पताल में इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद अस्पताल की जांच करने पहुंची सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के वरिष्ठ डॉक्टर पवन घनघोरिया और सहायक प्राध्यापक डॉ. अखिलेंद्र सिंह परिहार की दो सदस्यीय टीम ने डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी। जांच दल ने कहा कि यहां डॉक्टर सही उपचार दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि स्टाफ-नर्स की कमी जरूर है और जगह भी कम है लेकिन इले बढ़ाना होगा।

Madhya Pradesh Shahdol District Hospital

सीएमएचओ बोले, मौसमी परिवर्तन सात बच्चों को था निमोनिया

सीएमएचओ डॉ. राजेश पांडे का कहना है कि हर साल इस तरह का मौसमी परिवर्तन होता है। पिछले हफ्ते निमोनिया से पीड़ित बच्चे आए थे लेकिन अब उनकी संख्या घटी है। अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है मरने वाले आठ में से सात बच्चे निमोनिया से पीड़ित थे, जबकि एक बच्चे की मौत गंदा पानी पीने की वजह से हो गई थी। नवजात को डिलिवरी के दौरान गंदा पानी पिला दिया था, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई थी। सोमवार को दो और बच्चों की मौत हो गई, इन दोनों बच्चों की उम्र तीन माह बताई जा रही है।

ये भी देखें: होगी भारी बारिश: तबाही मचाने को तैयार चक्रवाती तूफान, हाई अलर्ट पर ये राज्य

Madhya Pradesh Shahdol District Hospital-2

सभी बच्चों की केस हिस्ट्री शासन को भेजी गई- जिलाधिकारी

डॉ. घनघोरिया की प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज करने के बाद शहडोल के जिलाधिकारी सतेंद्र सिंह ने कहा कि जिन बच्चों की मौत हुई, वे कुपोषित नहीं थे। हर एक बच्चे की केस हिस्ट्री शासन को भेजी गई थी। 20 बेड की क्षमता वाले अस्पताल में 32 बच्चों को अगर भर्ती किया जाए तो दिक्कत तो होगी ही। उन्होंने आगे कहा कि शहडोल अस्पताल पर उमरिया, अनूपपुर और डिंडोरी जिले का भी दबाव होता है। यहां के बच्चे शहडोल जिला अस्पताल में रैफर किए जाते हैं।

ये भी देखें: किसान आंदोलन LIVE: सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक, रणनीति पर होगा मंथन

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story