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मोदी सरकार की बड़ी सौगात: अब हर 6 महीने में बढ़ेगी इन कर्मचारियों की सैलरी

इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई के बोझ को कम करने के लिए एक पहल शुरू की है।

Aditya Mishra
Published on: 4 March 2020 12:47 PM GMT
मोदी सरकार की बड़ी सौगात: अब हर 6 महीने में बढ़ेगी इन कर्मचारियों की सैलरी
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नई दिल्ली: इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई के बोझ को कम करने के लिए एक पहल शुरू की है।

जिसके तहत इंडस्ट्रियल सेक्टर में काम करने वाले करीब 3 करोड़ कर्मचारियों का महंगाई बढ़ने के हिसाब से हर 6 माह में वेतन बढ़ता जाएगा। जिससे कर्मचारियों पर बढ़ती महंगाई का असर कम हो।

मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति ने ऐसे कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा एक नया आधार तय किया है, जिनका महंगाई भत्ता इस महंगाई सूचकांक से जुड़ा होगा।

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3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा

बता दें, पिछले महीने की 27 तारीख को मुख्य श्रम एवं रोजगार सलाहकार बी एन नंदा की अगुवाई में एक अहम बैठक हुई थी। जिसमें इंडस्ट्रियल सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक नई सीरीज के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) को मंजूरी दी गई थी। इसके लिए 2016 को आधार वर्ष बनाया गया था।

एक अनुमान के मुताबिक मोदी सरकार के इस फैसले से देश में संगठित इंडस्ट्रियल सेक्टर के 3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का आकलन हर 6 महीने पर होता है। इस काम को अंजाम देने के लिए सीपीआई-आईडब्ल्यू का सहारा लिया जाता है।

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हर 5 साल में बदलाव की जरूरत है

लेकिन 2001 के बाद सीपीआई-आईडब्ल्यू में संशोधन नहीं हुआ है, जबकि इसमें हर 5 साल में बदलाव की जरूरत है। 7वें वेतन आयोग के दौरान केंद्र सरकार और निजी क्षेत्र में कर्मचारी संघ भी कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन बढ़ाने के लिए सीपीआई-आईडब्ल्यू के आंकड़ों का सहारा लेते हैं।

ज्ञात हो कि सीपीआई का पुराना आधार मौजूदा गणना के अनुरूप नहीं है, क्योंकि पिछले दो दशकों में उपभोक्ता प्रारूप में खासा बदलाव आया है। महंगाई की गणना के लिए कुछ खास वस्तु और सेवाओं पर नजर रखी जाती है।

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Aditya Mishra

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