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ओमान में भारतीयों को 6 महीने से नहीं मिली सैलरी, PM मोदी से लगाई ये गुहार

ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे 30 भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि उन्हें यहां से वापस भारत ले जाया जाएं। मजदूरों का कहना है कि जिस कंपनी में वह काम कर रहे हैं उसने उनकी पिछले छह महीनों की तनख्वाह देने से इंकार कर दिया है।

suman
Published on: 21 Feb 2020 4:23 PM GMT
ओमान में भारतीयों को 6 महीने से नहीं मिली सैलरी, PM मोदी से लगाई ये गुहार
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मस्कट: ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे 30 भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि उन्हें यहां से वापस भारत ले जाया जाएं। मजदूरों का कहना है कि जिस कंपनी में वह काम कर रहे हैं उसने उनकी पिछले छह महीनों की तनख्वाह देने से इंकार कर दिया है।

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वहीं, ओमान में स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि यह मामला हाल ही में दूतावास के संज्ञान में आया है। हम श्रमिकों के साथ-साथ संबंधित ओमानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और कानूनी सलाह भी दी है। हम इन श्रमिकों के मुद्दों के समाधान की दिशा में आवश्यक कदम उठाएंगे।

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने मजदूरों की भारत वापसी के लिए केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मदद मांगी थी। हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्रालय से झारखंड के मजदूरों का शोषण करने वाली कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की थी।



मजदूरों ने फोन करके अपने परिजन से संपर्क किया था। इसके बाद इनके बंधक बनाने का मामला सामने आया है। सभी रोजगार की तलाश में ओमान गए थे। परिजनों का आरोप है कि वे सभी जिस कंपनी में काम करते हैं, उसने छह माह से वेतन नहीं दिया है। साथ ही, सभी मजदूरों को बंधक बनाए है। 24 घंटे में सिर्फ एक बार खाना दिया जा रहा है। जब भी वे लोग वेतन मांगते हैं, उन्हें धमकी दी जाती है। ये मजदूर झारखंड के हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और बोकारो जिले के रहने वाले हैं।

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प्रवासी ग्रुप के सिकंदर अली ने बताया कि इन सभी का वीजा खत्म हो गया है। वे कैदी की तरह हैं। उनकी वतन वापसी की दिशा में ठोस कदम उठाया जाए। 2017 में एक कंपनी में ट्रांसमिशन लाइन में काम करने का लालच देकर इन मजदूरों को ओमान लाया गया। जून-2019 तक काम के बदले थोड़ा-बहुत वेतन मिला। जुलाई से वेतन बंद कर दिया गया।

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