TRENDING TAGS :
टूलकिट मामले में फंसी दिशा ने शुरू किया था जलवायु अभियान
दिशा साल 2018 में ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक मूवमेंट शुरू करने वाली संस्था एफएफएफ की सह-संस्थापक हैं। उन्होंने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है। वो इस समय गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं।
नीलमणि लाल
नई दिल्ली। किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गई बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने मामले की एक मुख्य साजिशकर्ता बताया है। दिशा रवि बेंगलुरु के प्रतिष्ठित माउंट कार्मेल की छात्रा हैं। दिशा साल 2018 में ग्लोबल क्लाइमेट स्ट्राइक मूवमेंट शुरू करने वाली संस्था एफएफएफ की सह-संस्थापक हैं। उन्होंने माउंट कार्मल कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है। वो इस समय गुड माइल्क कंपनी के साथ जुड़ी हुई हैं। दिशा के पिता रवि मैसूरु में एक एथलेटिक्स कोच हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं।
फ्राइडेज फॉर फ्यूचर स्कूली छात्रों का एक चर्चित अभियान
देश में ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ अभियान के फाउंडर सदस्यों में दिशा रवि भी शामिल हैं। फ्राइडेज फॉर फ्यूचर स्कूली छात्रों का एक चर्चित अभियान है जिसमें वह शुक्रवार को स्कूल छोड़कर जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हैं और राजनेताओं से इसे रोकने के लिए कदम उठाने की मांग करते हैं। 2018 में ग्रेटा थनबर्ग के स्वीडन की संसद के सामने प्रदर्शन करने के बाद ये अभियान सुर्खियों में आया था। ग्रेटा ने पर्यावरण संबंधी मसलों को आन्दोलन बनाने के लिए अपने स्कूल में हर फ्राइडे को प्रदर्शन करने का रास्ता चुना था। उसी फ्राइडे प्रदर्शन को एक मूवमेंट बना कर अब कई देशों में चलाया जा रहा है। दिशा ने वही अभियान भारत में चालू किया था।
दिशा पर आरोप
पुलिस ने कहा है कि दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट की एक एडिटर है और डॉक्यूमेंट को बनाने और इसे फैलाने में एक मुख्य साजिशकर्ता है। दिशा ने व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया और टूलकिट बनाने में सहयोग किया। उसने डॉक्यूमेंट का मसौदा तैयार करने के लिए उनके साथ करीबी से काम किया। इस प्रक्रिया में भारतीय राष्ट्र के खिलाफ असंतोष फैलाने के लिए उन सभी ने खालिस्तानी समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ गठबंधन किया। उसी ने ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट डॉक्यूमेंट शेयर किया था। बाद में इसकी आपत्तिजनक जानकारियां सार्वजनिक होने के बाद उसने ग्रेटा से इसे डिलीट करने को कहा। दूसरी ओर दिशा ने कहा है कि - मैंने टूलकिट नहीं बनाई। हम किसानों का समर्थन करना चाहते थे। मैंने 3 फरवरी को बस दो लाइन एडिट कीं। वहीं पुलिस ने कहा कि उसने दो लाइन से कई गुना अधिक एडिटिंग की है।
ये भी देखें: अभ्युदय योजना का शुभारंभ एवं योजना में पंजीकृत अभ्यर्थियों से संवाद करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
दिशा एक खालिस्तानी संगठन के साथ मिलकर काम कर रही थी-दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 22 वर्षीय दिशा एक खालिस्तानी संगठन के साथ मिलकर काम कर रही थी और उसी ने स्वीडन की जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के साथ टूलकिट को शेयर किया था। टूलकिट एक डॉक्यूमेंट होता है जिसमें किसी मसले से सम्बंधित सभी जानकारी और प्लानिंग आदि दी हुई होती है। पुलिस ने कहा था कि टूलकिट में 26 जनवरी के आसपास डिजिटल स्ट्राइक की बात कही गई थी और इससे ऐसा लगता है कि गणतंत्र दिवस को जो हुआ वह सब कुछ पहले से निर्धारित था।
ये भी देखें: हाथरस मामला: रउफ शरीफ की कस्टडी मांगेगी STF, लगा है ये साजिश रचने का आरोप
पुलिस ने इसे भारत के खिलाफ आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय युद्ध छेड़ने की साजिश बताया था। दिल्ली पुलिस ने अपनी शुरूआत जांच के बाद टूलकिट बनाने में खालिस्तानी तत्वों का हाथ होने की बात भी कही थी और कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन नामक खालिस्तानी संगठन पर इस टूलकिट को बनाने का आरोप लगाया था।
दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।