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असामान्य हालातों के बीच कश्मीर पहुंचा यूरोपियन यूनियन का प्रतिनिधिमंडल
कश्मीर के हालत को लेकर यूरोपियन यूनियन की संसद में पिछले महीने चिंता जताई गई थी और कहा गया था कि वहां आम लोगों के बुनियादी हक़ जल्दी बहाल होने चाहिए। इन सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति ऐसे समय दी गयी है जब प्रमुख विपक्षी नेता बंद हैं।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से धारा-370 के हटने के बाद यह पहला मौका है कि अब वहां किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल को जाने की इजाज़त मिली हो। यूरोपियन यूनियन के ये 27 सांसद कश्मीर के हालात का जायज़ा लेने आज श्रीनगर पहुंच रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले यूरोपीय सांसद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति से भी मिले। धारा-370 के खत्म होने के बाद किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का ये पहला कश्मीर दौरा है।
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कश्मीर के हालत को लेकर यूरोपियन यूनियन की संसद में पिछले महीने चिंता जताई गई थी और कहा गया था कि वहां आम लोगों के बुनियादी हक़ जल्दी बहाल होने चाहिए। इन सांसदों को कश्मीर जाने की अनुमति ऐसे समय दी गयी है जब प्रमुख विपक्षी नेता बंद हैं।
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 29, 2019
कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं। वहीं पीडीपी नेता महबूबा मुफ़्ती की ओर से ट्वीट करते हुए उनकी बेटी ने लिखा है, 'उम्मीद करें कि उन्हें लोगों से, स्थानीय मीडिया से, डॉक्टरों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों से बात करने का भी मौक़ा मिलेगा।
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जम्मू-कश्मीर का मुद्दा और बाक़ी दुनिया के बीच ये जो लोहे का जो परदा पड़ा है उसे उठाने की ज़रूरत है और जम्मू-कश्मीर को संकट में धकेलने के लिए भारत सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।'
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