TRENDING TAGS :
...तो इसलिए हर भारतीय हवाई जहाज पर लिखा होता है 'VT'
क्या आपने कभी गौर किया है कि भारत में सभी हवाई जहाजों के विंग्स और बॉडी पर VT से शुरू होने वाला नाम प्रमुखता से लिखा होता है। भारत के हर हवाई जहाज का नाम VT से ही शुरू होता है लेकिन ये VT आखिर है क्या.?
लखनऊ: क्या आपने कभी गौर किया है कि भारत में सभी हवाई जहाजों के विंग्स और बॉडी पर VT से शुरू होने वाला नाम प्रमुखता से लिखा होता है। भारत के हर हवाई जहाज का नाम VT से ही शुरू होता है लेकिन ये VT आखिर है क्या.?
तरुण विजय ने संसद में बताया VT का मतलब:
ज्यादातर लोगों की तरह हमारे सांसदों को भी या तो इसका मतलब पता ही नहीं था या फिर उन्होंने इस पर अभी तक गौर नहीं किया, लेकिन मंगलवार को जब बीजेपी सांसद तरुण विजय ने राज्यसभा में ये मामला उठाया और VT का मतलब सांसदों को बताया तो ज्यादातर सांसदो का सिर शर्म से झुक गया।
ये भी पढ़ें: इंदिरा गांधी मिलने जाती थीं करीम लाला से, इस डॉन के बेटे ने बताई सच्चाई
दरअसल दो अक्षर का ये शब्द बताता है कि किस तरह हम 68 सालों से गुलामी के एक प्रतीक को ढो रहे हैं और दुनिया को बता भी रहे हैं।
VT का मतलब है :
'Viceroy Territory' यानी वायसरॉय का इलाका।
क्या होता है 2 अक्षरों के इस कोड का मतलब..?
अंतरराष्ट्रीय नियमो के मुताबिक, हर हवाई जहाज के ऊपर ये प्रमुखता से लिखा होना चाहिए कि वो किस देश का है, यानी उसकी पहचान क्या है, ये रजिस्ट्रेशन कोड पांच अक्षरों का होता है।
ये भी पढ़ें: निर्भया पर राजनीति: लगा आरोप, दोषी की दया याचिका में CM केजरीवाल का हाथ!
पहले दो अक्षर देश का कोड होता है और उसके बाद के अक्षर ये दिखाते हैं कि हवाई जहाज की मालिक कौन सी कंपनी है। देश को कोड इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) देती है।
1929 में मिला था VT भारत को ICOA से:
'Viceroy Territory' (VT) कोड 1929 में तब मिला था, जब यहां अंग्रेजों का राज था। लेकिन हैरानी की बात है कि 87 साल बीत जाने के बाद भी भारत अपनी गुलामी की इस पहचान को बदलने में नाकाम रहा है।
जब ये मामला संसद में उठा तो सभी पार्टियों के सांसदों ने सरकार से एक स्वर में मांग की कि इस नाम से जल्दी से जल्दी छुटकारा पाया जाए।
मामले को उठाने वाले बीजेपी सांसद तरुण विजय ने कहा कि हैरानी की बात है कि चीन, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और फिजी जैसे देशों ने भी अपने देश का कोड बदल कर नया कोड हासिल कर लिया, लेकिन भारत अभी तक ये करने में नाकाम रहा है...!!