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प्रशांत भूषण मामले में पूर्व जज की एंट्री, कहा-संविधान पीठ करे सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गुरुवार को सजा पर बहस होगी।

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Published on: 20 Aug 2020 4:55 AM GMT
प्रशांत भूषण मामले में पूर्व जज की एंट्री, कहा-संविधान पीठ करे सुनवाई
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प्रशांत भूषण मामले में पूर्व जज की एंट्री

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गुरुवार को सजा पर बहस होगी। इस बीच इस मामले में पूर्व जज कुरियन जोसेफ भी कूद पड़े हैं और उन्होंने कहा है कि प्रशांत भूषण मामले की सुनवाई संविधान पीठ द्वारा की जानी चाहिए। उधर प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर सजा पर सुनवाई टालने की अपील की है। उनका कहना है कि वे पुनर्विचार याचिका दाखिल करना चाहते हैं।

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पांच जजों की बेंच बनाई जाए

जस्टिस जोसेफ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के मुताबिक संविधान की व्याख्या से जुड़े किसी भी केस में फैसला करने के लिए कम से कम पांच जजों की बेंच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा समय में अवमानना के दो मामलों में संज्ञान लिया है। दोनों मामलों में संविधान की व्याख्या और लोगों के मौलिक अधिकारों पर इसके गंभीर प्रभावों का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसलिए इस मामले की सुनवाई संविधान पीठ द्वारा ही की जानी चाहिए।

प्रशांत भूषण की नई अर्जी

उधर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में नई अर्जी दाखिल की है। उन्होंने शीर्ष अदालत में दाखिल अर्जी में सजा पर सुनवाई टालने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे दोषी ठहराए जाने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करना चाहते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को सजा पर सुनवाई तब तक के लिए टाल देनी चाहिए जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं सुनाया जाता।

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21 नेताओं ने किया प्रशांत का समर्थन

प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना का मामला राजनीतिक रूप से भी काफी गरमा गया है और विभिन्न राजनीतिक दलों के 21 नेताओं ने प्रशांत भूषण के प्रति समर्थन जताया है। प्रशांत भूषण के प्रति समर्थन जताने वालों में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शशि थरूर, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, सीपीआई के नेता डी राजा, जनता दल के नेता शरद यादव सहित जदयू और सपा आदि दलों के कई नेता शामिल हैं।

बार एसोसिएशन भी प्रशांत के समर्थन में

वहीं बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने भी अवमानना के मामले में प्रशांत भूषण का समर्थन किया है। एसोसिएशन का कहना है कि ऐसे समय में जब देश के लोग बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं तो आलोचनाओं से नाराज नहीं होना चाहिए। यदि शीर्ष अदालत आलोचनाओं से नाराज होने की जगह उनकी अनुमति देती है तो इससे उसका कद बढ़ेगा।

क्या है मामला

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ कर रही है। पीठ ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण के दो अपमानजनक ट्वीट को लेकर उन्हें न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया था। न्यायालय की अवमानना के इस मामले में प्रशांत भूषण को 6 महीने के साधारण कैद या 2000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। अब हर किसी की नजर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर लगी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि शीर्ष अदालत में गुरुवार को प्रशांत भूषण की सजा पर बहस होती है या उनकी पुनर्विचार याचिका तक सजा पर बहस टाली जाती है।

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