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किसानों का सरकार को अल्टीमेटम, इस दिन एक लाख ट्रैक्टरों की दिल्ली में होगी एंट्री

सरकार अगर किसानों को एक-एक किलो सोना भी देगी तो भी किसान मानने वाला नहीं है। देश का किसान सिर्फ तीनों कानूनों को वापस होने पर ही मानेगा।

suman
Published on: 9 Jan 2021 4:22 AM GMT
किसानों का सरकार को अल्टीमेटम, इस दिन एक लाख ट्रैक्टरों की दिल्ली में होगी एंट्री
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भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब चौ. महेंद्र सिंह टिकैत 350 बार जेल जा सकते हैं तो वह भी सरकार के साथ 350 बार वार्ता कर सकते हैं।

नई दिल्ली: नए कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन अब उग्रता की ओर बढ़ रहा है। आठवें दौर की वार्ता विफल होने के बाद किसानों के तेवर तीखे हो चले हैं। किसाने ने कहा कि वे कानून के खत्म हुए बगैर वापस नहीं जाएंगे और आंदोलन को तेज करेंगे। कड़ाके की सर्दी के बीच भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।

सरकार को चेतावनी

देश खाप के चौधरी सुरेंद्र ने सरकार को चेतावनी दी। कहा कि यदि सरकार तीनों कानून वापस लेकर मांगों को नहीं मानती है तो फिर 26 जनवरी को दिल्ली में किसान एक लाख ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे। 26 की परेड में जवानों और किसानों को पूरा देश एक साथ देखेगा।

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चौधरी सुरेंद्र ने कहा कि वह जिस खाप का नेतृत्व करते हैं, वहां पर शोषण का प्रवेश निषेद्य है। उन्होंने कहा कि सरकार जब अपनी जिद पर है तो किसान भी सड़कों पर आंदोलन में बैठा है। वहीं, देश खाप के चौ. जोगेंद्र सिंह सरकार को चेतावनी दी। कहा कि ट्रैक्टरों से परेड की तैयारी शुरू कर दी गई है।

एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉली

26 जनवरी को दिल्ली में परेड के दौरान एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ बड़ी संख्या में किसान जवानों के साथ शामिल होगा। पूरा देश इस बार जवान और किसान की परेड देखेगा। भाकियू युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च जैसा ट्रेलर पूरी दुनिया में कभी किसी ने नहीं देखा होगा। किसानों को पता चला गया है कि दिल्ली अब कब्जे में कैसे आएगी, दिल्ली की नस तो यह पेरिफेरल है और किसान ट्रेलर में यह सीख गया है कि जब भी सरकार की नब्ज दबानी होगी तो पेरिफेरल घेर लो।

kisan andolan

यूपी गेट पर समाजसेवी मेधा पाटकर ने कहा कि किसान आंदोलन अब सिर्फ यूपी, पंजाब और उत्तराखंड का नहीं रहा। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की आवाज देशभर से आ रहा है। युवाओं ने ढोल और ढपली बजाकर सरकार के तीनों कानूनों का विरोध किया। इस दौरान युवाओं ने मध्यप्रदेश की संस्कृति की झलक भी दिखाई।

किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि किसान आंदोलन में लगातार 11 किसान रोजाना भूख हड़ताल पर बैठकर सरकार को तीनों कानून के खिलाफ कड़ा संदेश दे रहे।

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आंदोलन को बिल्कुल भी हल्के में न लें

सरकार और शासन के अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि वह किसान आंदोलन को बिल्कुल भी हल्के में न लें। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब चौ. महेंद्र सिंह टिकैत 350 बार जेल जा सकते हैं तो वह भी सरकार के साथ 350 बार वार्ता कर सकते हैं।

सरकार अगर किसानों को एक-एक किलो सोना भी देगी तो भी किसान मानने वाला नहीं है। देश का किसान सिर्फ तीनों कानूनों को वापस होने पर ही मानेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन वैचारिक क्रांति है। इसमें जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं वैसे ही किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है।

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