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किसानों का आया बाहर से खाना, सरकारी लंच को खाने से किया मना

दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों और आंदोलन के मुद्दे पर बैठक हुई। लम्बी बातचीत के दौरान जब लंच ब्रेक हुआ तो प्रशासन की ओर से विज्ञान भवन में खाने की व्यवस्था की गयी।

Shivani
Published on: 3 Dec 2020 1:12 PM GMT
किसानों का आया बाहर से खाना, सरकारी लंच को खाने से किया मना
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आठ दिन से जारी आंदोलन के बीच आज दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक हुई। तीन घंटे से ज्यादा देर से जारी वार्ता के बीच लंच ब्रेक हुआ। इस दौरान भी किसानों की सरकार के प्रति नाराजगी साफ़ देखने को मिली, जब उन्होंने सरकार की तरह से दिए गए लंच को खाने से इनकार कर दिया और बाहर से उनका लंच पैक होकर आया।

विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच वार्ता

दरअसल, राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों और आंदोलन के मुद्दे पर बैठक हुई। लम्बी बातचीत के दौरान जब लंच ब्रेक हुआ तो प्रशासन की ओर से विज्ञान भवन में खाने की व्यवस्था की गयी। सरकार ने किसानों की खातिरदारी की पूरी व्यवस्था की लेकिन किसान नेताओ ने इसे मंजूर न करते हुए अपना खाना मंगवाकर खाया।

Farmers Protest agriculture laws farmer leaders not accept Government food during Meeting in delhi

किसानों ने ठुकराई सरकार की मेहमाननवाजी

बताया जा रहा है कि किसानों का खाना एम्बुलेंस से सिंधु बॉर्डर से मंगवाया गया था। सिंधु बॉर्डर पर लगे लंगर से किसान नेताओं के लिए खाना पहुंचा। वहीं किसान नेताओं के लिए बंगला साहब गुरुद्वारे से चाय और नाश्ता पहुंचा है। स्पष्ट हैं कि किसानों ने पहले ही ये तय कर लिया था कि वे सरकार की मेहमाननवाजी को स्वीकार नहीं करेंगे।

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किसानों का मारना चाहती है सरकार: किसान

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सरकार बताएगी कि निजी मंडी और सरकारी मंडी में क्या फर्क है। इस दौरान किसानों ने मीडिया रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया। कहा गया कि सभी कह रहे हैं कि किसानों का बुरा हाल होगा। एक किसान ने कहा कि हमें मालूम है कि सरकार किसानों को मारना चाहती है।

कृषि कानून को रद्द करने की मांग

बता दें पिछले एक सप्ताह से किसान कृषि कानून के विरोध में सड़कों पर हैं। किसान केंद्र सरकार से नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग रह रहे है। दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान डटे हुए हैं। एक दिसंबर को सरकार के प्रतिनिधियों और किसान नेताओं के बीच हुई बातचीत में समिति बनाने पर सहमति हुई थी, जो प्रतिदिन बैठक करेगी लेकिन इसके साथ किसानों ने प्रदर्शन जारी रखने की बात भी कही थी। आज इस किसान आंदोलन में कांग्रेस खुलकर सामने आ गई। कांग्रेस ने चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ भी जबर्दस्त प्रदर्शन किया।

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