30 को बड़ा आंदोलन: सिंघु बॉर्डर से निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, किसानों ने किया एलान

किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने का एलान उस वक्त किया, जब उन्होंने सरकार के साथ बातचीत के लिए सहमति दिखाई है। एक दिन पहले किसान सरकार संग बैठक करने को तैयार हैं।

Shivani
Published on: 26 Dec 2020 1:39 PM GMT
30 को बड़ा आंदोलन: सिंघु बॉर्डर से निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, किसानों ने किया एलान
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किसान आंदोलनः शुरू हो गया संघ के कुनबे में सरकार का विरोध

दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बैठक के बाद एलान किया है कि अपनी मांगों को लेकर 30 दिसंबर को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, जो कि सिंघु बॉर्डर से लेकर टीकरी और शाहजहांपुर तक रवाना की जायेगी। इस दौरान किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ पूरे देश का इस आंदोलन में समर्थन करने की अपील करेंगे।

30 दिसंबर को किसान निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

किसानों के ट्रैक्टर मार्च के कारण बॉर्डर और हाईवे पर जाम की स्थिति बन सकती है। इस बार सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये जाएंगे। किसान संगठन के एलान के बाद पुलिस बल भी तैयारियों में जुट गया है। जगह जगह स्थानीय पुलिस बल के साथ पीएसी तैनात की जाएगी।

किसान संगठन 29 दिसंबर को सरकार सतग बैठक को सहमत

बता दें कि किसानों का ये एलान उस वक्त हुआ, जब उन्होंने सरकार के साथ बातचीत के लिए सहमति भी दिखाई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।

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साथ ही कृषि मंत्रालय के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र के जवाब में मोर्चा ने कहा है कि अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है।

farmers protest

तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग

हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी। आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है। अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें।

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 31वां दिन

ऐसे में एक दिन बाद ही ट्रैक्टर मार्च का एलान करने से ये स्पष्ट होता है कि किसानों का रुख अपनी मांग को लेकर साफ़ है। अगर किसानों की मांगों को 29 तारीख की बैठक में सरकार नहीं मानती तो तय कार्यक्रम के तहत किसान मार्च करेंगे। ऐसा एलान सरकार पर दबाव बनाने के लिए भी किया जा रहा है।farmers protest

राजस्थान के मंत्री बोले- किसी भी सूरत में लागू नहीं होगा कृषि कानून

गौरतलब है कि इसके पहले राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा ने कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ा एलान करते हुए कहा कि राज्य में किसी भी हालत में कृषि कानूनों को लागू होने दिया जाएगा। उन्होंने लालसोट में कृषि उपज मंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया कि चाहे राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली जाए, चाहे राजस्थान की सरकार को भंग कर दिया जाए लेकिन वे इन तीनों काले कानूनों को लागू नहीं होने देंगे।

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