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गुरनाम-टिकैत में टकराव: किसान नेताओं के अलग प्लान, आंदोलन पर एकमत नहीं
आंदोलन के बीच किसान नेताओं में फूट पड़ने लगी है। गुरनाम सिंह चढूनी ने राकेश टिकैत के दो अक्टूबर तक आंदोलन चलाने के एलान को निजी राय बताया है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर से जारी किसान संगठनों का आंदोलन भले ही इतने महीनों बाद भी जारी है लेकिन हजारों किसानों का नेतृत्व कर रहे इन किसान नेताओं में ही फूट पड़ती नजर आ रही है। किसान नेता एक दूसरे के आंदोलन को लेकर एक दूसरे के फैसले और एलानों से एकमत नहीं हैं। हरियाणा किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के एक बयान से ऐसा स्पष्ट होता है कि वे राकेश टिकैत के फैसलों से इत्तिफाक नहीं रखते।
किसान नेताओं में टकरार
हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एलान किया था कि किसानों का आंदोलन पूरे साल चलाएंगे। लेकिन इसके बाद आज हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बयान जारी कर टिकैत के फैसले को निजी राय बताया है।
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गुरनाम सिंह बोले- टिकैत की राय निजी
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि राकेश टिकैत ने दो अक्टूबर तक आंदोलन चलाने की बात कही थी, लेकिन यह उनकी निजी राय है। चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत में शामिल हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अब तक संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 2 अक्टूबर तक के आंदोलन चलने और उसके बाद के कार्यक्रम को लेकर दिए गए बयान पर कोई भी अधिकारिक फैसला नहीं लिया गया है।
चुनाव में बीजेपी का विरोध करेंगे किसान
इसके अलावा उन्होने आगामी पंजाब निकाय चुनाव में बीजेपी का विरोध करने का भी एलान किया। गुरमान ने कहा कि अब किसान संगठनों ने तय किया है कि भविष्य में जहां-जहां चुनाव होंगे, वहां भाजपा का विरोध किया जाएगा। उन्होने बंगाल में होने वाले चुनावों में बीजेपी को वोट ना देने की अपील की।
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किसानो की गिरफ्तारी नहीं होने देने का एलान
दिल्ली हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई और किसान नेताओ की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी को लेकर गुरनाम सिंह ने कहा कि हमने किसानों से अपील की है कि अगर दिल्ली पुलिस किसी को भी पकडने पहुंचे तो उनको बिठाकर चाय पानी कराया जाए। लेकिन किसी भी किसान या किसान नेता को गिरफ्तार ना करने दिया जाए।