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कृषि कानून: नाराज किसानों ने गेंहू की फसल कर दी नष्ट, टिकैत ने की थी अपील
हरियाणा और पंजाब के कई जगहों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां दिन चढ़ते ही किसान अपना ट्रैक्टर लेकर खेत में जा पहुंचे और अपनी गेहूं की फसल को नष्ट करने लग गए। हालांकि सूचना मिलते ही किसान नेताओं ने उन्हें समझाया और ऐसा करने से रोका।
नई दिल्ली: कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध जारी है। कई दिन बीत जाने के बाद भी कानून रद्द नहीं हुए। इस कारण किसानों में काफी रोष है। कुछ दिन पहले हरियाणा में हुई महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से एक फसल की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने को कहा था। राकेश टिकैत की इस अपील पर पंजाब-हरियाणा के कुछ किसान अमल भी करने लगे हैं। खबर आ रही है कि कई किसानों ने अपनी तैयार खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाकर उन्हें नष्ट कर दिया।
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दिन चढ़ते ही नष्ट करने लग गए गेहूं की फसल
जानकारी के मुताबिक हरियाणा और पंजाब के कई जगहों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां दिन चढ़ते ही किसान अपना ट्रैक्टर लेकर खेत में जा पहुंचे और अपनी गेहूं की फसल को नष्ट करने लग गए। हालांकि सूचना मिलते ही किसान नेताओं ने उन्हें समझाया और ऐसा करने से रोका।
समझाने पहुंचे किसान नेता
हरियाणा के अंबाला में एक किसान ने अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया। इस बात की भनक जब किसान नेता को लगी तो, भारतीय किसान यूनियन के नेता गुलाब सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसान को समझाया कि वो अपनी फसल को बर्बाद ना करें बल्कि किसी गरीब या ज़रूरतमंद को दान कर दें।
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किसान नेता गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि किसान अपने खेत में खड़ी फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंच कर किसान को समझाया और उसे फसल बर्बाद करने से रोका। साथ ही उन्होंने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि अभी फसल को नष्ट करने का समय नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि जिस फसल को हम बच्चों की की तरह पालते है उसे नष्ट नहीं करना, क्योंकि हमारे देश में पहले ही भुखमरी है। किसान अपनी फसल को नष्ट करने की बजाए किसी ज़रूरतमंद को दें या फिर अपनी फसल अपनी फसल को किसान आंदोलन में दान कर दें।