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किसान आंदोलन: राजनाथ सिंह संभालेंगे मोर्चा, जेपी नड्डा के घर बड़ी बैठक
किसानों की ओर से लगातार कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है। दो महीने पंजाब में प्रदर्शनों के बाद किसानों ने दिल्ली का कूच किया। सभी किसान संगठनों की एक ही मांग है कि MSP पर सरकार पुख्ता वादा करे और इसे कानून में शामिल करे।
नई दिल्ली: किसानों का पिछले एक सप्ताह से कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान संगठनों ने डेरा जमाया हुआ है। किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आज दोपहर तीन बजे किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत होनी है। किसानों के साथ इस बात चीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सरकार का पक्ष रखेंगे और किसानों को मनाने की कोशिश करेंगे, ये बातचीत दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन में होगी।
राजनाथ सिंह किसानों से बात करेंगे
बता दें कि किसान पिछले एक सप्ताह अपनी मांगों को लेकर सरकार से बात चीत के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उधरन सरकार ये भी कोशिश कर रही थी कि किसान सड़कों से हटें और बुराड़ी के एक ग्राउंड में आ जाएं। लेकिन किसानों ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद बातचीत का रास्ता साफ हुआ। अब सरकार की ओर से राजनाथ सिंह किसानों से बात करेंगे। राजनाथ सिंह की छवि किसान नेता की रही है और हर संगठनों में उनके प्रति एक सम्मान है, ऐसे मुश्किल समय में सरकार ने उनको ही मैदान में आगे किया है। राजनाथ के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से किसानों की बात-चीत की इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे। सरकार की ओर से किसानों की शंकाएं दूर की जाएंगी, MSP पर भरोसा दिलवाया जाएगा। बीजेपी अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से MSP-मंडी के मुद्दे पर भरोसा दिलवाएगी। इसके अलावा सरकार स्पष्ट कर सकती है कि कानून वापस नहीं होंगे, लेकिन किसी कमेटी का गठन हो सकता है। बातचीत से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि चर्चा सड़क पर नहीं हो सकती है, जब बात होगी तो हर विषय पर होगी। सरकार ने पहले भी किसानों से बात की है, फिर एक बार बिना किसी झिझक के मंथन होगा।
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किसानों की क्या हैं मांगें?
किसानों की ओर से लगातार कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है। दो महीने पंजाब में प्रदर्शनों के बाद किसानों ने दिल्ली का कूच किया। सभी किसान संगठनों की एक ही मांग है कि MSP पर सरकार पुख्ता वादा करे और इसे कानून में शामिल करे। किसान संगठनों को डर है कि मंडी से बाहर आते ही MSP पर असर पड़ेगा और धीरे-धीरे ये खत्म हो जाएगी। इन्हीं शंकाओं के चलते किसान लिखित में सरकार से आश्वासन चाहते हैं और MSP को कानूनी रूप दिलवाने पर अड़े हैं।
कृषि मंत्रालय ने 32 संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया
ऐसा नहीं है कि किसान संगठनों और सरकार के बीच ये पहली बार बात हो रही है। अभी तक दो राउंड की बात हो चुकी है, इस दौरान जो संगठन चर्चा में शामिल हुए थे फिर से सरकार ने उन्हें ही न्योता दिया है। कृषि मंत्रालय द्वारा कुल 32 संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। हालांकि, कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई है कि देश में 500 के करीब किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन चिन्हित को बुलाया गया है ऐसे में सभी को बुलाना जरूरी है।
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किसान अपना बोरिया-बिस्तर लेकर डटे हुए हैं
किसानों की ओर से सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, मेरठ रोड, गाजियाबाद रोड समेत अन्य जगहों पर डेरा डाला गया है। किसान अपना बोरिया-बिस्तर लेकर डटे हुए हैं, धरना स्थल पर ही खाना बना रहे हैं। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के लोगों को ट्रैफिक को लेकर काफी मुश्किलें हो रही हैं। दिल्ली से गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद तक जाम ही जाम है। मेट्रो के कुछ रूट बंद किए गए हैं, जबकि कुछ पर चिन्हित वक्त के लिए ट्रेन चल रही है।
राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन वाराणसी में अपने संबोधन के दौरान कृषि कानून पर खुलकर बात की थी। पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं। सरकार MSP-मंडी सिस्टम खत्म नहीं कर रही है, नए कानूनों से किसानों का फायदा होगा। दूसरी ओर विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए किसानों के साथ है। राहुल गांधी ने अपील की है कि सरकार को तुरंत किसानों से चर्चा कर मसले का हल निकालना चाहिए।
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