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किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर पाठशाला शुरू, बच्चों को पढ़ा रहे राकेश टिकैत

गाजीपुर बॉर्डर से कुछ तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें साफ दिख रहा है कि राकेश टिकैत ने अब वहां बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है। इस दौरान वहां दर्जनों बच्चे मौजूद दिख रहे हैं और टिकैत एक हाथ में छड़ी है। वहीं सामने एक चार्ट टंगा हुआ है, जिसमें कुछ लिखा हुआ है और टिकैत प्यार से बच्चों को कुछ पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

Ashiki
Published on: 16 Feb 2021 3:27 AM GMT
किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर पाठशाला शुरू, बच्चों को पढ़ा रहे राकेश टिकैत
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किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर पाठशाला शुरू, बच्चों को पढ़ा रहे राकेश टिकैत

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले करीब 3 महीने से प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अब आंदोलन को नया मोड़ देने में लगे हुए हैं। गणतंत्र दिवस की घटना के बाद किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु बनकर उभरे गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले दिनों राकेश टिकैत एक आम किसान की तरह खुद हाथ में फावड़ा लेकर मिट्टी में काम करते दिखे थे।

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गाज़ीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत शुरू की पाठशाला

गाजीपुर बार्डर पर पिछले दिनों किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कीलें लगाई थीं। उस दौरान वहां टिकैत फूल के पौधे लगा कर कहानी को एक नया मोड़ दे दिया था। अब खबरें आ रही हैं कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन वाली जगह पर अपनी पाठशाला शुरू कर दी है।

बच्चों को पढ़ाते दिखे टिकैत

दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर से कुछ तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें साफ दिख रहा है कि राकेश टिकैत ने अब वहां बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है। इस दौरान वहां दर्जनों बच्चे मौजूद दिख रहे हैं और टिकैत एक हाथ में छड़ी है। वहीं सामने एक चार्ट टंगा हुआ है, जिसमें कुछ लिखा हुआ है और टिकैत प्यार से बच्चों को कुछ पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

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गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 83वें दिन भी जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। बता दें कि 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में पिछले दिनों कमी आई थी, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद एक बार फिर से आंदोलन को बड़ी संख्या में किसानों का समर्थन मिलने लगा।

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