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डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में FDI बढ़कर हुआ 74 प्रतिशत, स्वदेशी हथियारों पर हुए ये एलान
देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संकट से निपटने के लिए लाॅकडाउन लागू है। इस संकट में अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र की सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संकट से निपटने के लिए लाॅकडाउन लागू है। इस संकट में अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र की सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसके एलान के बाद शनिवार को लगातार चौथे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने अब तक अलग-अलग सेक्टर के लिए कुछ राहत दी है तो कई बड़े बदलावों की जानकारी दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को डिफेंस सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की। दरअसल सरकार ने रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी है। अब विदेशी कंपनियां डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेंगी।
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वित्त मंत्री ने ये भी बताया कि सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाई करेगी जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी।
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निर्मला सीतारमण ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में स्वदेशी हथियारों के लिए अलग से बजट बनाया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि डिफेंस में होने वाले इंपोर्ट में कमी आ जाएगी। इससे रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी। जाहिर सी बात है कि घरेलू कंपनियों को लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ हथियारों और मंचों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा।
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वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए कहा कि आयात के लिए प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद सिर्फ देश के भीतर की जा सकेगी। इसके अलावा ऑर्डिनंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा, प्राइवेटाइजेशन नहीं। इसका मतलब हुआ कि ये शेयर बाजार में लिस्टेड होंगी और इनके शेयर खरीदे जा सकेंगे।