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अभी-अभी एम्स में भीषण आग, कई मरीज फंसे, दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर

दिल्ली के एम्स के न्यूरो कार्डियो बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। दमकल की दस गाड़ियां आग बुझाने के काम में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि ये आग बढ़ती ही जा रही है। 

Aditya Mishra
Published on: 1 Feb 2020 12:39 PM GMT
अभी-अभी एम्स में भीषण आग, कई मरीज फंसे, दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर
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नई दिल्ली: दिल्ली के एम्स के न्यूरो कार्डियो बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। दमकल की दस गाड़ियां आग बुझाने के काम में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि ये आग बढ़ती ही जा रही है। इसके अंदर कई मरीज फंस गये है।

इससे पहले 18 अगस्त 2019 को भी एम्स में आग लग गई थी। ये आग शाम करीब पौने पांच बजे लगी थी। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों में दहशत मच गई थी। लोग अपने मरीजों को लेकर भागने लगे, जिसे जहां से रास्ता मिला वो उधर से जाने की कोशिश करने लगा।

एम्स में सामान्यत: मरीजों की भारी भीड़ होती है, शनिवार शाम आग लगते ही मरीजों के सहायकों को समझ में नहीं आया कि वो क्या करें और मरीज को कहां ले जाएं। हर तरफ अफरातरफरी का माहौल था।

बताया जा रहा है कि पहली और दूसरी मंजिल पर आग को बुझा लिया गया है, लेकिन अब आग तीसरी मंजिल से होते हुए पांचवीं मंजिल पर पहुंच गई है। शुरुआत में इमारत से धुआं निकलना शुरू हुआ फिर आग की लपटें ऊंची-ऊंची उठनी शुरू हो गईं।

फिलहाल आग बुझाने में दमकल की 34 गाड़ियां जुटी हुई हैं। इस बीच किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर एबी वार्ड शिफ्ट किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ,निदेशक समेत कई बड़े अधिकारी एम्स में मौजूद हैं। निदेशक के दफ्तर में इस मामले पर बैठक चल रही है।

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धुएं से मरीजों की फूली सांस

एम्स के टीचिंग ब्लॉक में लगी आग से मरीजों का सांस लेना मुश्किल हो गया। यहां तक कि तीमारदार से लेकर डॉक्टरों को आग के धुएं से सांस लेने में मुश्किल हुई। मरीज से लेकर तीमारदार धुएं के कारण खांसते हुए नजर आए। कुछ को धुएं से आंखों में जलन होने लगी। इसी बीच मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम जारी थी। इमारत से धुआं रूक नहीं रहा था।

बारिश में मरीज शिफ्ट होने के लिए भटकते दिखे

एक तरफ जहां मरीजों को बारिश के बीच में शिफ्ट करना जारी थी। दूसरी ओर कुछ ऐसे मरीज भी अस्पताल परिसर में दिखाई दिए जो शिफ्ट होने के लिए तीमारदारों के साथ भटकते हुए दिखाई दिए। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने मरीज को लेकर कहां जाए।

जिसमें कुछ मरीज ऐसी भी थे जिनकी ग्लूकोज की बोतल तीमारदार ने अपने हाथों में पकड़ रखी थी। जबकि मरीज पेशाब वाली थैली को खुद ही हाथ में पकड़कर ले जाते हुए दिखाई दिए।

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रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों की करते दिखे मदद

अस्पताल में आग की सूचना जैसे रेजिडेंट डॉक्टरों के पास पहुंची। वह तुरंत टीचिंग ब्लॉक के पास पहुंच गए। जहां वह मरीजों का इलाज करते नजर आए। उन्हें शिफ्ट कराने में डॉक्टरों ने मदद की।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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