×

कृषि कानून: वित्त मंत्री सीतारमण का विपक्ष को करारा जवाब, MSP पर कही ये बात

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि इन कानूनों का एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन कृषि कानूनों की चर्चा हो रही है उनका एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है।

Newstrack
Published on: 11 Dec 2020 5:33 PM GMT
कृषि कानून: वित्त मंत्री सीतारमण का विपक्ष को करारा जवाब, MSP पर कही ये बात
X
कृषि कानून: सीतारमण ने विपक्ष को दिया करारा जवाब, MSP पर कही ये बात

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। अब तक सरकार और किसान नेताओं के बीच की बातचीत बेनतीजा रही है। सरकार लगातार यह बात कह रही है कि वो हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है लेकिन किसान संगठन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि कानूनों पर बात की है।

ये भी पढ़ें: किसानों की हुंकार: कल से आंदोलन होगा तेज, इन हाइवे को जाम करेंगे किसान

एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि इन कानूनों का एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन कृषि कानूनों की चर्चा हो रही है उनका एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसपी को लेकर जो संदेह पैदा हो रहा है उसका कोई ठोस आधार नहीं है।

मोदी सरकार ने किसानों के हित के लिए काम किये

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पिछले 6 साल में मोदी सरकार ने किसानों के हित के लिए काम किये हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसपी कृषि लागत और उत्पादन समिति द्वारा हर फसल के लिए तय की जाती है। ये इतना कठिन प्रोसेस होता है कि इसमें कोई बदलाव करना मुश्किल होता है। सरकार ने हमेशा एमएसपी का सम्मान किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को मंडी के बाहर और अगर जरूरत पड़े तो राज्य के बाहर अपने फसल को बेचने का मौका दिया है। सरकार ने राज्य के किसी अधिकार को क्रॉस नहीं किया है। उन्होंने बताया कि एपीएमसी की व्यवस्था अभी भी है।

विपक्ष को दिया करारा जवाब

इस दौरान विपक्ष के आरोप का करारा जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि फार्म बिल पर कई चरणों में चर्चा हुई है, यही नहीं कई माध्यमों से देश के किसानों की भी राय ली गई थी। उन्होंने बताया कि बिल कई समितियों के पास भी गया था। इसके अलावा सदन में भी इस पर चर्चा हुई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि अभी के हालात की बात करें तो मैंने कृषि मंत्री तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की प्रेस कॉन्फ्रेंस को बहुत ही ध्यान से देखा। उन्होंने खंडवार यह बताने की कोशिश की कि वे किसानों के साथ चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन तीनों कृषि कानूनों पर कोई खास सवाल नहीं खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न तरीकों से जो भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं वो स्पष्ट नहीं हैं।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि एकतरफ जनता के बीच जाते हैं और कहते हैं कि हम जीतेंगे तो ये-ये करेंगे लेकिन जब हार जाते हैं और जीत कर आई सरकार जब वही सारे काम करती है तो उसके विरोध में उतर जाते हैं, जबकि आपने खुद उसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया था।

ये भी पढ़ें: LAC पर भारत सख्त: चीन को अब भुगतना पड़ेगा परिणाम, देश बिल्कुल है तैयार

Newstrack

Newstrack

Next Story