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मोदी 2.0 का पहला साल: अनुच्छेद 370 के खात्मे से सीएए तक, बड़े फैसलों से सबको चौंकाया
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी का पहला साल तमाम उपलब्धियों से भरा हुआ है। इस दौरान उन्होंने तमाम बड़े फैसले लेकर यह साफ कर दिया है कि उनकी दूसरी पारी ज्यादा आक्रामक होगी।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की दूसरी पारी का पहला साल तमाम उपलब्धियों से भरा हुआ है। इस दौरान उन्होंने तमाम बड़े फैसले लेकर यह साफ कर दिया है कि उनकी दूसरी पारी ज्यादा आक्रामक होगी। पहले कार्यकाल से भी ज्यादा सीटें जीतकर दूसरी पारी शुरू करने वाले मोदी ने पहले दिन से ही साफ कर दिया था कि वे बड़े फैसले लेने का मन बना चुके हैं। अपनी दूसरी पारी के दौरान पीएम मोदी ने कई बड़े और ऐतिहासिक फसलों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। कोरोना संकट के इस काल में उन्होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के साथ ही आत्मनिर्भर भारत का बड़ा नारा दिया है।
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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा फैसला जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने वाला रहा। इसके साथ तीन तलाक को खत्म करने, नागरिकता संशोधन कानून, बैंकों के विलय जैसे बड़े फैसले भी मोदी के दूसरे कार्यकाल में ही लिए गए। मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के संबंध में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अयोध्या विवाद को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त
राजनीतिक जानकारों का पहले ही कहना था कि अपनी दूसरी पारी के दौरान मोदी ज्यादा आक्रामक तरीके से अपने फैसलों को लागू करेंगे। अपनी दूसरी पारी में ज्यादा मजबूत बनकर उभरे मोदी ने पहले साल के दौरान सबसे बड़ा फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया। संसद की मंजूरी से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 हटा दिया गया और इसके साथ ही राज्य दो हिस्सों में बांट भी दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने की बात कहती रही है मगर यह काम न तो अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्रित्व काल में किया जा सका और ना तो मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान। लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया।
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अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए हैं। पीएम के रूप में मोदी के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद कश्मीर में भी एक देश, एक विधान और एक निशान की व्यवस्था लागू हो गई है। मोदी सरकार के इस कदम को भाजपा की बड़ी विजय माना जा रहा है क्योंकि इसके जरिए वह अपने एजेंडे को लागू करने में कामयाब हो सकी है।
नागरिकता संशोधन कानून
मोदी सरकार का दूसरा सबसे बड़ा फैसला नागरिकता संशोधन कानून का रहा। संसद और देश में विभिन्न स्थानों पर भारी विरोध के बावजूद इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। संसद में इस बिल के पारित होने के बाद पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर धरना और प्रदर्शन आयोजित किए गए मगर मोदी ने फैसला वापस लेने से इनकार कर दिया। शाहीन बाग सहित देश में विभिन्न स्थानों पर काफी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी सड़कों पर उतर आए मगर फिर भी सरकार इस मामले में नहीं झुकी।
हालांकि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बार-बार यह बात जरूर स्पष्ट की गई कि इस कानून के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। अमित शाह ने बार-बार यह स्पष्ट किया कि यह कानून नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं।
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी
अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने का वह कदम भी उठाया जिसे वह अपने पूरे पहले कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके थे। मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक पर पाबंदी के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 को संसद से पारित कराया। पिछले साल एक अगस्त से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर जुर्म बन गया है। हालांकि विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से इसका जोरदार विरोध किया गया मगर मोदी सरकार टस से मस नहीं हुई।
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राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की एक बड़ी उपलब्धि राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त होना भी है। राम मंदिर निर्माण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष नवंबर में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए भी अलग से पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था। इस मामले में सरकार की ओर से भी प्रभावी पैरवी की गई। मंदिर निर्माण का यह मामला काफी दिनों से विवाद का विषय बना हुआ था और सरकार और शीर्ष अदालत की तमाम कोशिशों के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था मगर अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं।
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अब वहां भव्य राम मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राम मंदिर का मुद्दा भी काफी दिनों से भाजपा के झंडे में रहा है मगर चाहकर भी सरकार इस मामले का अंत नहीं कर पा रही थी। पीएम के रूप में मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होना भी एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। सरकार ने मंदिर निर्माण की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है।
बैंकों के विलय का बड़ा कदम उठाया
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान आर्थिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बना दिए हैं। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया है। सिंडिकेट बैंक को केनरा और इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया है। आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से जोड़ा गया है। मोदी सरकार के इस बड़े कदम से बैंकों को बढ़ते एनपीए से काफी राहत मिली है। बैंकों का संकट टालने के लिए सरकार की ओर से 55,250 करोड़ के राहत पैकेज का एलान भी किया गया था। देश में आर्थिक सुधार की दिशा में इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
कोरोना संकट के दौरान बड़े फैसले
मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में कोरोना संकट की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस वायरस ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को गहरी मुसीबत में डाल दिया है। भारत की अर्थव्यवस्था पर भी इसका गहरा असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि सरकार की ओर से संकट को टालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का एलान किया गया है। कई एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों ने कोरोना संकट के बाद विकास दर पर काफी असर पड़ने की आशंकाएं जताई हैं मगर पीएम मोदी इस संकट को टालने के लिए कई बड़े कदम उठा रहे हैं।
कोरोनावायरस को टालने के लिए पीएम मोदी ने सही समय पर पूरे देश में लॉकडाउन घोषित करने का बड़ा फैसला लिया था। जानकारों का कहना है कि मोदी के इस बड़े फैसले के कारण देश में कोरोना के व्यापक संक्रमण को रोकने में काफी हद तक कामयाबी मिली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि मोदी सरकार देश में कोरोना का कहर रोकने में काफी हद तक कामयाब रही है। ऐसे समय में जब अमेरिका जैसा ताकतवर देश इस संकट के आगे असहाय बनकर खड़ा है, मोदी ने त्वरित फैसले लेते हुए देश को काफी हद तक इस संकट से बचाया है।
मोदी ने दिया आत्मनिर्भर भारत का नारा
कोरोना संकट के इस काल में देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का बड़ा नारा दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को लगे झटके से उबरने के लिए हमें आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ना होगा। उनका यह भी कहना है कि जो ब्रांड आज ग्लोबल बन गए हैं, वे भी कभी लोकल थे। पीएम मोदी ने लोगों को यह भी समझाया कि कोरोना संकट के काल में हमें लोकल ने ही तमाम मुसीबतों से बचाया है। इसलिए हमें अब लोकल को ग्लोबल बनाने की मुहिम में जुटना होगा। सरकार ने इस दिशा में बड़े कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसका नतीजा जरूर दिखेगा।
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