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कोरोना का कहर: फिच का अनुमान, 6 फीसदी से ज्यादा होगा राजकोषीय घाटा

कोरोना वायरस की वजह से देश की इकोनॉमी बुरी तरह लड़खड़ा गई है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इकोनॉमी को 9 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो सकता है।

Aradhya Tripathi
Published on: 2 April 2020 12:08 PM IST
कोरोना का कहर: फिच का अनुमान, 6 फीसदी से ज्यादा होगा राजकोषीय घाटा
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से देश की इकोनॉमी बुरी तरह लड़खड़ा गई है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इकोनॉमी को 9 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो सकता है। इस माहौल की वजह से चालू वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6 फीसदी से अधिक हो सकता है। ये अनुमान अमेरिकी रेटिंग कंपनी फिच सोल्यूशंस का है।

सरकार अपने लक्ष्य से 3.5 फीसदी रहेगी पीछे

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फिच के मुताबिक भारत का राजकोषीय घाटा 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद के 6.2 फीसदी तक जा सकता है। जबकि सरकार ने इसके 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। एजेंसी ने कहा, ‘‘हम भारत के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान वित्त वर्ष 2020-21 में संशोधित कर जीडीपी का 6.2 फीसदी कर रहे हैं। जबकि पूर्व में हमने इसके 3.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। यह बताता है कि सरकार अपने 3.5 फीसदी लक्ष्य से चूकेगी।

राजस्व संग्रह में आ सकती है 1 फीसदी गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार कमजोर आर्थिक गतिविधियों से 2020-21 में राजस्व संग्रह में एक फीसदी की गिरावट आ सकती है। जबकि पूर्व में इसमें 11.8 फीसदी की वृद्धि हुई थी। एजेंसी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 4.6 रहने का अनुमान है। जबकि पूर्व में इसके 5.4 फीसदी रहने की संभावना जतायी गयी थी।

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हमने 2019-20 में 4.9 फीसदी आर्थिक वृद्धि अनुमान के जरिये जो नरमी की बात कही थी, वह सही लग रही है। इसका कारण घरेलू आवाजाही बाधित होने से आर्थिक गतिविधियां ठप होना और कमजोर वैश्विक मांग है।’’

कोरोना वायरस की वजह से हुई प्रभावित

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फिच ने कहा, ‘‘वायरस के कारण आर्थिक गतिविधियां कई तिमाही तक प्रभावित होने की आशंका है। इससे व्यक्तिगत और कंपनी आयकर संग्रह पर पूरे साल के दौरान असर दिखेगा।’’ साथ ही दूसरी तरफ 2020-21 में व्यय बढ़ेगा। क्योंकि सरकार कोरोना वायरस संकट को देखते हुए आर्थिक और सामाजिक दोनों मोर्चों पर कदम उठा रही है। फिच ने आगे कहा कि हमारा अनुमान है, कम राजस्व संग्रह के बावजूद व्यय 22.2 फीसदी बढ़ेगा।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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