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बजट 2020 - एफोर्डेबल हाउसिंग बनाने वाले बिल्डरों को रियायत
केन्द्रीय बजट में रियल एस्टेट के लिए भी रियायत दी गयी है। वित्त मंत्री ने एफोर्डेबल हाउसिंग बनाने वाले बिल्डरों को मिलने वाली टैक्स छूट को मार्च 2021 तक...
नीलमणी लाल
नई दिल्ली। केन्द्रीय बजट में रियल एस्टेट के लिए भी रियायत दी गयी है। वित्त मंत्री ने एफोर्डेबल हाउसिंग बनाने वाले बिल्डरों को मिलने वाली टैक्स छूट को मार्च 2021 तक बढाने का प्रस्ताव किया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि एफोर्डेबल मकानों की सप्लाई बढाने के लिए एफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर डेवेलपर्स द्वारा कमाए गए लाभ पर टैक्स हॉलिडे की स्कीम 31 मार्च 2020 तक है जिसे एक साल बढाने का प्रस्ताव है।
ब्याज में टैक्स छूट को डेढ़ लाख और बढ़ा दिया गया है
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रियल एस्टेट सेक्टर से जुडी एक और बात बजट में ये है कि एफोर्डेबल हाउसिंग के होम लोन पर ब्याज में टैक्स छूट को डेढ़ लाख और बढ़ा दिया है। वित्त मंत्री ने पिछले बजट में 45 लाख तक की एफोर्डेबल हाउसिंग पर ब्याज में छूट की सीमा साढ़े तीन करने का प्रस्ताव किया था यानी अब कुल छूट 5 लाख रुपये तक हो गयी है।
एफोर्डेबल हाउसिंग की आय के लिए 100 प्रतिशत की कटौती प्रदान की गई
पिछले साल बजट में रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की गई थीं। स्वयं के कब्जे वाले मकान की खरीद के लिए कर्ज पर ब्याज की कटौती को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया गया था। एफोर्डेबल हाउसिंग की आय के लिए 100 प्रतिशत की कटौती प्रदान की गई थी।
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एलटीसीजी लाभों की गणना के लिए आधार वर्ष 1981 से बदलकर 2001 कर दिया गया
लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभों की गणना के लिए आधार वर्ष 1981 से बदलकर 2001 कर दिया गया। वहीं अचल संपत्ति पर दीर्घावधिक लाभ के लिए धारिता अवधि को 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दिया गया।