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भारत-चीन विवाद: पूर्व सेना अधिकारियों ने राहुल के बयान को बताया देश हित के खिलाफ

राहुल गांधी के बयान हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए काफी नुकसानदायक हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने अतीत में भी भारतीय सशस्त्र बलों के ग्राउंड और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाया था।

SK Gautam
Published on: 10 Jun 2020 11:26 AM IST
भारत-चीन विवाद: पूर्व सेना अधिकारियों ने राहुल के बयान को बताया देश हित के खिलाफ
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नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों की निंदा करते हुए सशस्त्रों बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा कि राहुल गांधी के बयान गलत सोच से प्रभावित हैं और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता के ट्वीट और बयान उनकी अज्ञानता दर्शाते हैं या फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जमाने में हुई ऐतिहासिक भूलों को नजरअंदाज करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं।

भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव समेत 9 पूर्व आर्मी अफसरों ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि हम सीनियर आर्म्ड फोर्सेज वेटरंस के समूह के तौर पर गलत सोच से प्रभावित और गलत वक्त में दिए गए राहुल गांधी के बयानों और उनके ट्वीट्स की कड़ी निंदा करते हैं जिनके जरिए राहुल ने भारत-चीन सीमा विवाद से निपटने को लेकर हमारी सेना और सरकार पर सवाल उठाए हैं।'

चीन ने अक्साई चीन में सड़कें बना लीं

बयान में कहा गया है कि राहुल गांधी के बयान हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए काफी नुकसानदायक हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने अतीत में भी भारतीय सशस्त्र बलों के ग्राउंड और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाया था।' उन्होंने पूछा, 'क्या राहुल गांधी नहीं जानते हैं कि नेहरू ने तिब्बत को प्लेट में सजाकर चीन को सौंप दिया था और चीन ने अक्साई चीन में सड़कें बना लीं, बाद में इस पर तब कब्जा कर लिया जब नेहरू प्रधानमंत्री थे?'

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रिटायर्ड आर्मी अफसरों ने सीमाई इलाकों में आधारभूत सैन्य ढांचे के अभाव के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस पार्टी ने भारत पर सबसे लंबे समय तक शासन किया, वही बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को नजरअंदाज करने की सीधा-सीधा दोषी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर संवेदनशील और सहयोग की भावना दिखाने की दरकार है।

भारत को अपनी ताकत बढ़ाने की दरकार थी

पूर्व सैन्य अफसरों ने कहा कि विपक्ष को चीन के साथ सीमा विवाद का हल निकालने में सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। इसके उलट किसी भी तरह की कोशिश माफी के लायक नहीं होगी क्योंकि ऐसी कोशिशें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हैं। रिटायर्ड आर्मी अफसरों के इस समूह ने इस बात के लिए सरकार की सराहना की कि वो बॉर्डर एरियाज में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को प्रतिबद्ध दिख रही है जो 1962 के चीन युद्ध के बाद से नहीं हुआ जबकि युद्ध के बाद भारत को अपनी ताकत बढ़ाने की दरकार थी। उन्होंने कहा, 'भारत सरकार बहुत चतुर कूटनीतिक पहल का सहारा ले रही है, साथ ही सीमा की सुरक्षा में लगे हमारे सशस्त्र बलों का भी मनोबल बढ़ा रही है।'

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भारत ही ऐसा देश है जो अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सक्षम है-गृह मंत्री अमित शाह

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सवाल उठाया था। शाह ने कहा था कि पूरी दुनिया मानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद भारत ही ऐसा देश है जो अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सक्षम है। उन्होंने कहा था कि भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्वीकार्यता मिली है। इस पर राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में सवाल कर डाला। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायराना अंदाज में ही कटाक्ष किया तो राहुल ने रक्षा मंत्री से यह पूछ डाला कि क्या लद्दाख में चीन ने भारत की जमीन हड़प ली है?



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