झारखंड सरकार ने भरा ख़ज़ाना किया खाली, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का आरोप

पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि, वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार अयोग्य है। सरकार बदलने के दौरान राज्य की वित्तिय स्थिति अच्छी थी।

Newstrack
Published on: 24 Nov 2020 12:05 PM GMT
झारखंड सरकार ने भरा ख़ज़ाना किया खाली, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का आरोप
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झारखंड सरकार ने भरा ख़ज़ाना किया खाली, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का आरोप (Photo by social media)

रांची: हज़ारीबाग़ से भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने झारखंड सरकार पर जमकर हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए उन्होने कहा कि, पूर्व रघुवर दास के सरकार में ख़ज़ाना भरा था लेकिन वर्तमान सरकार उसे बचाकर नहीं रख सकी। उन्होने कहा कि, केंद्र सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने की बात कही थी लेकिन राज्य सरकार ने केवल राजनीति की और राज्य की अर्थव्यवस्था को डूबा कर रख दिया।

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झारखंड की वित्तिय स्थिति

पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि, वर्तमान हेमंत सोरेन की सरकार अयोग्य है। सरकार बदलने के दौरान राज्य की वित्तिय स्थिति अच्छी थी। पूर्व रघुवर दास की सरकार में रेवेन्यू जेनरेशन 54 हज़ार करोड़ से लेकर 84 हज़ार करोड़ रूपए था। माइनिंग रॉयलटी 4 हज़ार 4 सौ करोड़ से बढ़कर 8 हज़ार करोड़ रूपए पहुंच गया था। डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड 1400 करोड़ रुपए था। आंकड़ों से साफ है कि, राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर थी। जब हेमंत सोरेन ने राज्य की गद्दी को संभाला तो उन्हे भरा हुआ ख़ज़ाना मिला।

अयोग्य हाथों में झारखंड

हज़ारीबाग़ से भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा है कि, झारखंड अयोग्य हाथों में चला गया है। राज्य सरकार के बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर के मद में बहुत कम राशि रखी गई है। रेवेन्यू एक्सपेंडिचर पर बहुत ज्यादा खर्च किया गया। कोरोना वायरस के काल में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों ने अपनी नीतियों में बदलाव किया। कोविड फंड बनाया गया। परिस्थितियों के अनूकूल निर्णय लिए गए। जबकि, झारखंड में कैपिटल एक्सपेंडिचर में खर्च नहीं किया गया। ऐसा करने से रोज़गार के अवसर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कई सुझाव भी दिए लेकिन राज्य सरकार ने कोई अमल नहीं किया। खर्च नहीं करने से आर्थिक स्थिति चरमरा गई। ये एतिहासिक भूल झारखंड सरकार ने की है। सरकार आर्थिक स्थिति को लेकर झूट बोल रही है लेकिन आंकड़े सच बता रहे हैँ।

भाजपा श्वेत पत्र करेगा जारी

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि, सरकार के एक साल पूरे होने पर भाजपा श्वेत पत्र जारी करेगी। राज्य सरकार ने जो एतिहासिक भूल की है उसे जनता के सामने रखा जाएगा। भाजपा सांसद ने कहा कि, कोरोना को देखते हुए विश्वभर में लॉकडॉन लगाए गए। झारखंड समेत देशभर में लॉकडॉन का असर रहा। आर्थिक गतिविधियां थम गई। ऐसे समय में सरकार का दायित्व है कि, वित्तिय स्थिति को संभाले रखने के लिए ऋण ले। इसमें केवल इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कर्ज किस मद में लिया जा रहा है। अर्थात पुल-पुलिया, सड़क और अस्पताल बनाने के लिए या फिर कर्मचारियों के वेतन-पेंशन के लिए लिए जा रहे हैं।

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केंद्र-राज्य के संबंध

झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार आने के बाद केंद्र और राज्य के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। डीवीसी बकाया, जीएसटी बकाया, कोल ब्लॉक नीलामी और संघीय ढांचे को लेकर हेमंत सोरेन सरकार केंद्र पर हमलावर रही है। राज्य सरकार प्रदेश भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप भी लगा चुकी है। कुल मिलाकर कहें तो केंद्र और राज्य के बीच संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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