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मिठाई पर मुसीबत: हलवाइयों के लिए लागू ये नियम, हो सकता है लाखों का नुकसान
1 अक्टूबर से फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में मिठाई को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। पहले यह नियम जून 2020 से लागू किया जाना था लेकिन अब कोरोना संक्रमण के चलते इसे 1 अक्टूबर से लागू कर दिया गया है।
1 अक्टूबर से बदले हैं कई नियम। जिसे जानना सभी के लिए बेहद ज़रूरी हैं। अगर आप भी चलाते हैं मिठाई की दूकान तो हो जाए सावधान। 1 अक्टूबर से फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में मिठाई को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं। पहले यह नियम जून 2020 से लागू किया जाना था लेकिन अब कोरोना संक्रमण के चलते इसे 1 अक्टूबर से लागू कर दिया गया है। कई जगहों पर पहले दिन हलवाई की दुकान पर मिठाई की ट्रे पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी थी। अब नए नियम के अनुसार पुरानी मिठाई बेचने वाले हलवाई पर अधिकतम 2 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
क्यों उठाया गए ये कदम ?
बता दें, कि FSSAI यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने आम लोगों के स्वास्थ्य खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया है। उपभोक्ताओं को बासी मिठाइयों को बेचने के संबंध में एक निर्देश जारी किया हैं।
छोटे कारोबारियों की बढ़ गयी मुश्किल
इस नए नियम के लागू होने पर अहमदाबाद के एक कारोबारी का कहना है कि छोटे कारोबारियों के लिए ये फैसला बेहद प्रेषण करने वाला है।उनका कहना हैं कि मिठाई तो कभी भी ख़राब हो सकती हैं इसका कोई फिक्स समय नहीं। व्यापारी कभी भी नहीं चाहता है कि वो खराब सामान बेचें। कारोबारी ने आगे बताया कि मिठाइयों की एक्सपायरी डेट अब बनाने के साथ ही तय कर दी जाती है और उसे मिठाई की ट्रे पर लिखा जा रहा है।
मिठाइयों की एक्सपायरी डेट तय
कलाकंद व इससे मिलते-जुलते उत्पाद बटर स्कॉच कलाकंद, रोज कलाकंद, चॉकलेट कलाकंद ये सभी एक दिन चलने वाली मिठाई होती है।
वही दूध उत्पाद व बंगाली मिठाई जिनमें मिल्क बादाम, रसगुल्ला, रसमलाई, रबड़ी रसमलाई, शाही टोस्ट, राजभोग, मलाई रोल, बंगाली रबड़ी, हिरमानी, हरिभोग, अनारकली, माधुरी, पाकिजा, रसकदम, रस काटा, खीर मोहन, गुड़ रसमलाई, गुड़ रबड़ी, गुड रसगुल्ला सभी दो दिनों तक चली है।
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4 दिन चलने वाली मिठाइयों में मिल्क केक, पेड़ा, प्लेन बर्फी, मिल्क बर्फी, पिस्ता बर्फी, कोकोनट बर्फी, चॉकलेट बर्फी, सफेद पेड़ा, बूंदी लड्डू, कोकोनट लड्डू, लाल लड्डू, मोतीचूर मोदक, खोया बादाम, मेवा भाटी, फ्रूट केक, खोया तिल, केसर कोकोनट लड्डू, मलाई घेवर, व्रत केसरिया कोकोनट लड्डू, मेवा लड्डू, पिंक बर्फी, तिल बुग्गा, ड्राई फ्रूट तिल बुग्गा, शाही घेवर, खोया केसर बादाम रोल, तिल भाटी, खीर कदम, खीरा बीज बर्फी, खोया कोकोनट बर्फी, मोतीपक शामिल है।
घी व ड्राई फ्रूट से बनी मिठाई 7 दिनों तक चली हैं। आटा लड्डू, बेसन लड्डू, चना लड्डू, चना बर्फी, अंजीर खजूर बर्फी, कराची हलवा, सोहन हलवा, गजक, चिक्की ये सभी 20 दिनों तक आराम से खाई जा सकती हैं।
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