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G20 Summit in Varanasi : G20 की 100 वीं तीन दिवसीय बैठक का बनारस में समापन

G20 Summit in Varanasi : G20 समिट में आए मेहमानों के मेजबानी में योगी सरकार के अधिकारी जुटे हुए थे। सुरक्षा प्रबंध के विशेष व व्यापक प्रबंध थे। जी20 के इस तीन दिवसीय बैठक में कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन के लिए नवाचार पर बल देना मुख्य उद्देश्य था।

Yachana Jaiswal
Published on: 20 April 2023 3:53 PM IST
G20 Summit in Varanasi : G20 की 100 वीं तीन दिवसीय बैठक का बनारस में समापन
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Pic Credit (Twitter)

G20 Summit in Varanasi : G-20 के 100वीं कृषि प्रमुख वैज्ञानिकों (एमएसीएस) की तीन दिवसीय बैठक का बुधवार को समापन हो गया। अन्तिम दिन बैठक में कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन के लिए नवाचार और तकनीकी, खाद्य सुरक्षा और पोषण प्राप्त करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में फ्रंटियर्स, पोषण मूल्य बढ़ाने के लिए खाद्य फसलों में बायोफोर्टिफिकेशन, पोषण और ब्लू क्रांति के लिए उष्णकटिबंधीय समुद्री शैवाल की खेती, अन्न के उत्पादन एवं पोषण के लिए प्राचीन अनाज अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पहल (महर्षि), पर एक दृष्टि बनाए रखने के साथ इनपर ही काम करने के लिए नियम बनाने एक साझेदारी के साथ कार्य करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक के साथ बनारस दर्शन

इस तीन दिवसीय बैठक में फॉरेन के डिलेगेट्स ने भारत की विरासत में मिली समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिकता को न केवल आखों से देखा हैं बल्कि उसे अनुभव किया है। बनारस में विदेशी अतिथियों के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। योगी सरकार ने आवगमन पर व्यापक व्यवस्था का आदेश दिया था। अतिथियों को कार्यकारी बैठक के बाद प्रतिदिन भारतीय संस्कृति, कला और धरोहरों से रूबरू कराने के लिए भी ले जाया जाता था।

जिसमें क्रूज से विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती दिखाया गया, जिसके बाद रात्रिभोज और ताज गंगा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। डेलीगेट्स को सारनाथ भ्रमण कराने भी के जाया गया था। एएसआई म्यूजियम के साथ लाइट एंड साउंड शो भी दिखाया गया था इसके साथ ही बुद्धा थीम पार्क में संस्कृतिक कार्यक्रम के साथ डिनर का आयोजन भी किया गया था।

तीन दिवसीय बैठक में क्या विषय वस्तु था?

ताज होटल में तीन दिनों तक चली बैठक में अन्य विषयों जैसै- सीमा पार कीट और रोग, टिकाऊ कृषि खाद्य प्रणालियों के लिए अनुसंधान एवं विकास प्राथमिकताओं, टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी और नवाचार, प्राकृतिक खेती, रेजिलिएंट एग्रीफूड सिस्टम के निर्माण के लिए विज्ञान और नवाचार, जैविक नाइट्रिफिकेशन इनहिबिशन (बीएनआई), जीएचएस उत्सर्जन को कम करना और फसल की पैदावार बढ़ाने पर चर्चा की गई। प्रतिनिधियों ने डिजिटल कृषि और सतत कृषि मूल्य श्रृंखला, कृषि अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक निजी भागीदारी एवं मैक्स कम्यूनिके पर चर्चा किया।

भारत और फ्रांस की द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, फसल विविधीकरण, मिट्टी तथा जल संरक्षण, प्राकृतिक खेती और बायोफोर्टिफाइड फसलों से संबंधित विषयों पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह भविष्य में पारस्परिक रूप से सहमत क्षेत्रों पर आपसी सहयोग के लिए प्रारंभिक चर्चा थी। जिसे दोनों देश आने वाले समय में मूर्त रूप देंगे। बैठक में जी-20 के सदस्य देशों के 80 प्रतिनिधियों के अलावा आमंत्रित अतिथि देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठन और भारत द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक के अंतिम दिन पूर्वांचल की हस्तशिल्पियों को देखा, मिलेट्स का डिनर

बैठक के अंतिम दिन मेहमानों ने देश के धरोहरों में शामिल पूर्वांचल के हस्तशिल्प की प्राचीन विरासत को देखा। G20 के प्रतिनिधिमंडल ने बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में GI उत्पाद की प्रदर्शनी, बनारसी टेक्सटाइल, लकड़ी के खिलौने आदि बहुत सी चीजे देखी।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राज्य कृषि विभाग, आईआरआरआई-एसएआरसी एनडीडीबी, एपीडा संगठनों के प्रमुख संस्थानों की कृषि प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसमें मिलेटस से व्यंजन बनाने की विधि बताई गई। जी-20 समिट में आये समृद्धशाली देशों के मेहमान भारत की समृद्ध विरासत से रूबरू हुए। टीएफसी के म्यूज़ियम में अतिथियों ने बनारसी साड़ी के इतिहास को भी जाना।

बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में ढेढ़िया और थारू लोक नृत्य से मेहमानों का स्वागत किया गया था।

रात्रि भोजन के साथ संतूर व सारंगी के मधुर वादन के साथ जी-20 देशों के मेहमानों के लिए विदाई भोज का आयोजन किया गया था।

Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

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