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एयरफोर्स व नेवी अलर्ट परः मुंहतोड़ जवाब देने के लिए है ये तैयारी

चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार की ओर से भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है। सरकार की ओर से एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव होने पर जवानों को हथियार उठाने की अनुमति भी दे दी गई है।

Rahul Joy
Published on: 22 Jun 2020 5:23 AM GMT
एयरफोर्स व नेवी अलर्ट परः मुंहतोड़ जवाब देने के लिए है ये तैयारी
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है। पिछले सोमवार को हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच कोई टकराव तो नहीं हुआ है मगर दोनों देशों की ओर से सैन्य कर्मियों की संख्या बढ़ाए जाने से तनाव और बढ़ गया है। भारत ने भी चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैदी बढ़ा दी है। इसके साथ ही वायुसेना और नौसेना को भी किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है।

अग्रिम मोर्चों पर चीन ने बढ़ाई सैनिकों की संख्या

गलवान घाटी के हालात पर नजर रखने वाले सूत्रों के मुताबिक भारत की तैयारियों को देखते हुए अग्रिम मोर्चों पर चीन की ओर से भी सैन्य कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही दोनों ओर की वायुसेना भी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार दिख रही है। हालांकि दोनों सेनाओं के बीच सोमवार की घटना के बाद कोई टकराव नहीं हुआ है मगर माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है।

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चीन को जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट

सूत्रों के मुताबिक चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार की ओर से भारतीय सेना को खुली छूट दे दी गई है। सरकार की ओर से एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव होने पर जवानों को हथियार उठाने की अनुमति भी दे दी गई है। किसी भी आपात स्थिति में चीनी सेना को जवाब देने के लिए मौके पर तैनात कमांडर खुद फैसला लेने में सक्षम होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद सामरिक दृष्टिकोण से दिए ये बड़े बदलाव किए गए हैं।

हिंसक झड़प के बाद भारत ने बदला रुख

दरअसल दोनों देशों के बीच 1996 और 2005 में हुए समझौतों में सेनाओं की आमने सामने की लड़ाई में हथियारों का इस्तेमाल न करने का फैसला किया गया था। दोनों देशों ने तय किया था की एलएसी के दो किलोमीटर के दायरे में दोनों देशों की सेनाएं न तो गोली चलाएंगी और न ही बमबारई करेंगी मगर 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने अपना रुख बदल लिया है। सूत्रों का कहना है कि एलएसी पर चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए सेना और वायुसेना को पूरी क्षमता के साथ तैयार रहने को कहा गया है।

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गलवान नाला पार करने पर भारत करेगा कार्रवाई

एक अधिकारी के मुताबिक भारतीय सैन्य कमांडर की ओर से जवानों को निर्देश दिया गया है यदि चीनी सैनिक गलवान नाला पार करके भारतीय पोस्ट 14 पर हमला करने की किसी भी प्रकार की कोशिश करते हैं तो फिर उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। अधिकारी का कहना है कि दोनों देशों के बीच टकराव की आशंका अभी खत्म नहीं हुई है क्योंकि गलवान नाले के उस पार चीन ने भी अपने काफी जवानों की तैनाती कर रखी है।

विदेश मंत्रालय की कूटनीतिक कोशिशें जारी

दोनों देशों के बीच 6 जून को कमांडर स्तर की बातचीत में बनी सहमति को चीन की सेना ने दरकिनार करते हुए 15 जून की रात हिंसक झड़प की घटना को अंजाम दिया था। इसलिए भारत की ओर से अब फूंक-फूंक कर कदम रखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय कूटनीतिक स्तर पर इस मामले को सुलझाने की कोशिश में जुटा हुआ है। हालांकि अभी तक इस मामले में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी है क्योंकि चीन का विदेश मंत्रालय लगातार पूरी गलवान घाटी पर अपना हक जता रहा है।

भारत की ओर से मित्र देशों को एलएसी पर ताजा घटनाक्रम से अपडेट किया गया है। हालांकि भारत की ओर से यह बात समय- समय पर स्पष्ट की जाती रही है कि इस मसले में किसी की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है और दोनों पक्ष आपसी बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने में सक्षम हैं।

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