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Adani Group: अडानी ने 1 अरब डालर देकर गिरवी रखे शेयर छुड़ाए
Adani Group: अडानी ग्रुप की तीन लिस्टेड कंपनियों में गिरवी शेयरों को रिलीज़ करने के लिए 1.1 बिलियन डालर (9,203 करोड़ रुपये) के ऋण का भुगतान कर दिया है और ये भुगतान समय सीमा से काफी पहले कर दिया गया है।
Adani Group: अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने अडानी ग्रुप की तीन लिस्टेड कंपनियों में गिरवी शेयरों को रिलीज़ करने के लिए 1.1 बिलियन डालर (9,203 करोड़ रुपये) के ऋण का भुगतान कर दिया है और ये भुगतान समय सीमा से काफी पहले कर दिया गया है। ये कदम उठाने का मकसद ग्रुप कंपनियों में निवेशकों के विश्वास को बहाल करना है। अमेरिका की फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी की कंपनियों के शेयर 25 जनवरी से बिकवाली के दबाव में हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर शेयरों को गिरवी के रूप में उपयोग करके शेयर की कीमत में हेरफेर करने का आरोप लगाया था।
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अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन के शेयर
एक मीडिया बयान के अनुसार, अडानी का प्रारंभिक पुनर्भुगतान अडानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी का 12 फीसदी, अडानी ग्रीन में 3 फीसदी और अडानी ट्रांसमिशन में 1.4 फीसदी शेयर जारी करेगा। बयान में तीन कंपनियों में से प्रत्येक में चुकाए गए ऋण की सीमा का उल्लेख नहीं किया गया है। इसमें यह भी नहीं बताया गया कि प्रमोटरों ने कर्ज चुकाने के लिए पैसे कैसे जुटाए।
अडानी ग्रुप ने कहा है कि यह कदम 'हाल में बाजार में उतार-चढ़ाव के आलोक में और अडानी लिस्टेड कंपनी के शेयरों द्वारा समर्थित समग्र प्रवर्तक उत्तोलन को कम करने के लिए प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता को जारी रखने के लिए किया गया है"।
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सितम्बर में होना था मैच्योर
गिरवी रखे शेयर की वापसी यानी मैच्योर होने की समय सीमा सितंबर 2024 थी। दिसंबर 2022 के अंत तक, अडानी पोर्ट्स की 17.31 प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी थी। इस रिलीज के बाद यह घटकर 5.31 फीसदी पर आ जाएगी। इसी तरह, अडानी ग्रीन एनर्जी में गिरवी रखी गई हिस्सेदारी 4.36 प्रतिशत से घटकर 1.36 प्रतिशत हो जाएगी, और अडानी ट्रांसमिशन के लिए यह दिसंबर अंत तक 6.62 प्रतिशत से घटकर 5.22 प्रतिशत हो जाएगी। अडानी पावर (25 प्रतिशत) और अदानी एंटरप्राइजेज (2.66 प्रतिशत) में गिरवी रखी गई हिस्सेदारी के साथ शेष गिरवी रखी गई हिस्सेदारी का बाजार मूल्य 6 फरवरी को दोपहर 2.30 बजे तक 27,329 करोड़ रुपये था।
हिंडनबर्ग का आरोप
24 जनवरी की अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर 'शेयरों को संपार्श्विक (कोलेटरल) के रूप में उपयोग करके स्टॉक मूल्य हेरफेर' करने का आरोप लगाया था। उसने कहा था कि 'इक्विटी शेयर गिरवी ऋण संपार्श्विक का एक स्वाभाविक रूप से अस्थिर स्रोत है क्योंकि यदि शेयर की कीमतें गिरती हैं, तो ऋणदाता संपार्श्विक कॉल कर सकता है।'