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भूकंपों से उड़ी नींद: वैज्ञानिकों की हुई हालत खराब, अब जुट गए अध्ययन में

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कला चंद साईं के मुताबिक एनसीआर में आए भूकंप को लेकर संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम तमाम पहलुओं पर अध्ययन कर रही है।

SK Gautam
Published on: 22 Jun 2020 8:24 AM GMT
भूकंपों से उड़ी नींद: वैज्ञानिकों की हुई हालत खराब, अब जुट गए अध्ययन में
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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर व आसपास के क्षेत्रों में पिछले तीन माह से लगातार आए 18 भूकंपों ने भूवैज्ञानिकों की नींद उड़ा दी है। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक तमाम भूकंपों का अध्ययन करने में जुट गए हैं। जिसके लिए गढ़वाल परिक्षेत्र में बनाए गए 17 स्टेशनों का डाटा जुटाया जा रहा है।

भूकंप को लेकर भू वैज्ञानिक चिंतित

दिल्ली-एनसीआर में पिछले तीन महीने से आ रहे भूकंप को लेकर भू-वैज्ञानिक चिंतित हैं। रुड़की आईआईटी, देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों के साथ ही देश के कई संस्थानों के वैज्ञानिकों की इसका अध्ययन करने में जुट गई हैं।

भूकंप को लेकर अध्ययन

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कला चंद साईं के मुताबिक एनसीआर में आए भूकंप को लेकर संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम तमाम पहलुओं पर अध्ययन कर रही है। जिसके लिए गढ़वाल क्षेत्र में स्थापित 17 स्टेशनों से वैज्ञानिकों की टीम डेटा जुटा रही है, जिसका विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। इस बात का पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि भूकंप की आवृत्ति में इतना इजाफा क्यों हुआ है।

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इस कारण हो रही भूगर्भीय हलचल

डॉ. साईं का यह भी कहना है कि छोटे-छोटे भूकंपों के आने का मतलब यह कतई नहीं है कि किसी बड़े भूकंप के आने की संभावना है। भूकंप के आने के समय और रिक्टर स्केल पर उसकी क्षमता का पूर्वानुमान अभी तक संभव नहीं है। फिलहाल देश के किसी भी हिस्से में आने वाले भूकंपों पर संस्थान के वैज्ञानिकों की नजर है।

इंडियन प्लेट के यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक रही है

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वरिष्ठ भूकंप विज्ञानी डॉ. सुशील कुमार रुहेला के अनुसार, भूगर्भीय इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक रही है। इसमें इंडियन प्लेट हर साल 40 से 50 मिलीमीटर तक यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक रही है। जिसकी वजह से समय-समय पर भूगर्भीय हलचल हो रही है। उनका यह भी कहना है कि इंडियन प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराने की वजह से ही हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण हुआ था।

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पिछले तीन माह के भीतर आए सभी भूकंपों का वैज्ञानिक अध्ययन

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ कालाचंद साईं ने बताया कि नई दिल्ली एनसीआर में पिछले तीन माह के भीतर आए सभी भूकंपों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है। जिसके लिए संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम गढ़वाल क्षेत्र में स्थापित किए गए सभी 17 सीस्मिक स्टेशनों का डाटा का अध्ययन कर रही है।

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