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राम के ननिहाल में बनेगा मां का मंदिर, सरकार का बड़ा एलान
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इलान किया है कि रायपुर के पास भगवान राम की माता कौशल्या का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। माता कौशल्या के पौराणिक मंदिर को भी संरक्षित किया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।ऐसी मान्यता है कि ये जगह श्रीराम की माता की जन्मस्थली है।
रायपुर : 5 अगस्त को राम जन्भूमि पूजन की तैयारियां हो रही हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इलान किया है कि रायपुर के पास भगवान राम की माता कौशल्या का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। माता कौशल्या के पौराणिक मंदिर को भी संरक्षित किया जाएगा और श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।ऐसी मान्यता है कि ये जगह श्रीराम की माता की जन्मस्थली है।
माता कौशल्या के जन्स्थान चंदखुरी पर मंदिर बनाने पर विचार कर रही है।सीएम ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है, जहां उन्होंने वनवास के दौरान भी काफी समय बिताया।
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सौंदर्यीकरण की रूपरेखा
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भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा, 'प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य अब पौराणिक कथाओं के नगरों जैसा ही आकर्षक होगा। राजधानी रायपुर के निकट स्थित इस गांव के प्राचीन कौशल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए, पूरे परिसर के सौंदर्यीकरण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जय सिया राम।बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित कर रही है और माता कौशल्या के जन्स्थान चंदखुरी पर मंदिर बनाने को लेकर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ श्रीराम का ननिहाल है और वनवास के दौरान यहां उन्होंने काफी समय बिताया।
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भूमि-पूजन
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'हमारी महत्वाकांक्षी राम वन गमन पथ विकास परियोजना में शामिल चंदखुरी में यह पूरा कार्य 15 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा। योजना के मुताबिक चंदखुरी में मंदिर के सौंदर्यीकरण तथा परिसर विकास का कार्य दो चरणों में कार्य पूरा किया जाएगा। योजना के मुताबिक चंदखुरी को पर्यटन-तीर्थ के रूप में विकसित किया जाना है, इसलिए वहां स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। बीते 22 दिसंबर को चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए भूमि-पूजन किया गया था। इसके साथ ही राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की परियोजना की भी शुरुआत कर दी गई थी।
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सरकार राम वन गमन से जुड़े 9 स्थानों को विकसित कर रही है। माना जाता है कि दक्षिण भारत जाने के लिए भगवान राम ने इन्हीं रास्तों का इस्तेमाल किया था। इन स्थानों में सितामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरीनारायण (जंजगिर-चंपा), तुरतुरिया (बलोदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गारीबंद), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदालपुर (बस्तर), रामारम (सुकमा) शामिल है। पर्यटन विभाग ने इन नौ स्थानों को 137.45 करोड़ रुपए में विकसित करने का प्लान बनाया है। छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है
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