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ट्विटर ने दिखाई हेकड़ी: भारत सरकार से लिया पंगा, बंद नहीं किये अकाउंट
भारत सरकार ने ट्विटर को तीन नोटिस जारी किए थे और ट्विटर को किसान प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ और झूठी जानकारी देने वाले अकाउंट को बंद करने को कहा था। लेकिन ट्विटर कंपनी ने न तो कोई अकाउंट बंद किए और न ही अपने प्लेटफार्म से भड़काऊ ट्वीट ही हटाए।
नीलमणि लाल
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बारे में आपत्तिजनक ट्वीट किये जाने के मामले पर ट्विटर ने सरकार से टकराव का रास्ता अख्तियार कर लिया है। भारत सरकार ने ट्विटर को तीन नोटिस जारी किए थे और ट्विटर को किसान प्रदर्शन को लेकर भड़काऊ और झूठी जानकारी देने वाले अकाउंट को बंद करने को कहा था। लेकिन ट्विटर कंपनी ने न तो कोई अकाउंट बंद किए और न ही अपने प्लेटफार्म से भड़काऊ ट्वीट ही हटाए। कंपनी की तरफ से कहा जा रहा है कि वह सरकार के साथ बातचीत करना चाहती है। इसके अलावा ट्विटर ने ये भी कहा है कि ट्वीट चलते रहने चाहिये। ट्विटर ने कहा है कि वो सूचना के मुक्त आवागमन पर विश्वास करता है।
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अमेरिका में भी दिखा है दूसरा रंग
ट्विटर भारत में तो हेठी दिखा रहा है और यही काम उसने अमेरिका में किया है। अमेरिका के चुनाव के नतीजों पर ज़रा भी शक जाहिर करने वाले पोस्ट ब्लाक कर दिए गए और एकाउंट्स तक को बैन कर दिया गया। और तो और डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट परमानेंट बैन कर दिया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्विटर एक अलग ही विचारधारा से प्रेरित है और इसीके अनुरूप वह बर्ताव करता है।
भारत सरकार ने सौंपी है सूची
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नोटिस के साथ ही ट्विटर को उन अकाउंट की सूची भी सौंपी है जिनसे लगातार भ्रामक और भड़काऊ सामग्री पोस्ट की जा रही हैं। सरकार की तरफ से ट्विटर को पहले 257 लिंक दिए गए थे और उन्हें ब्लॉक करने कहा गया था। उसके बाद चार फरवरी को उसे 1,178 अकाउंट की सूची सौंपी और उन्हें अपने प्लेटफार्म से हटाने को कहा गया।
सरकार का कहना है कि ये अकाउंट या तो पाकिस्तान समर्थित हैं या खालिस्तान समर्थकों द्वारा चलाए जा रहे हैं। इनके जरिये भारत में कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है।
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पहले ब्लाक किये फिर चालू किया
जो सूची सौंपी गयी थी उनमें से ट्विटर ने कुछ अकाउंट को पिछले महीने कुछ समय के लिए ब्लॉक भी किया था। लेकिन जल्द ही उन्हें चालू कर दिया गया। यही नहीं ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने विरोध प्रदर्शन वाले कुछ ट्वीट को लाइक भी कर दिया। ट्विटर इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बता रहा है।
अब सरकार का स्पष्ट कहना है कि अगर ट्विटर की तरफ से कार्रवाई नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ आइटी एक्ट के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे। अगर ट्विटर सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करती है तो सरकार के पास उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है।
फोटो-सोशल मीडिया
आदेश न मानने पर 7साल तक की सजा
इसमें सरकार उसके एप और वेबसाइट को ब्लॉक या निलंबित भी कर सकती है। और आईटी एक्ट के तहत ट्विटर के कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी कर सकती है। एक्ट के अनुसार सरकार का आदेश न मानने पर सात साल तक की सजा हो सकती है।
सरकार के सख्त रुख के बाद अब भारत में ट्विटर की एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी भारत के प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से बात करना चाहती है। कंपनी ने औपचारिक वार्ता के लिए मंत्री से संपर्क भी किया है।
प्रवक्ता ने अब जा कर माना है कि सरकार से उसे नोटिस मिला है। साथ ही प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सरकार की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद तत्काल कार्रवाई की गई। कंपनी ने कहा कि सूचना के मुक्त आदान-प्रदान का वैश्विक स्तर पर सकारात्मक असर पड़ता है, इसलिए ट्वीट होते रहने चाहिए।
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