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कर्मचारियों को झटका: सैलरी पर सरकार ने लिया ये फैसला वापस, कंपनियों को राहत

मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की सैलेरी को लेकर बड़ा एलान किया है। सरकार ने कर्मचारियों का पूरा वेतन देने वाला अपना पुराना आदेश वापस ले लिया।

Shivani Awasthi
Published on: 19 May 2020 9:35 AM IST
कर्मचारियों को झटका: सैलरी पर सरकार ने लिया ये फैसला वापस, कंपनियों को राहत
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन में कंपनियां लगभग बंद हो गयी तो वहीं कर्मचारियों की नौकरी पर बन आई, जिसके बाद सरकार ने इस संकट को कम करने के लिए कर्मचारियों को पूरी सैलेरी देने के निर्देश दिए थे। हालाँकि सरकार ने अब ये फैसला वापस ले लिया है। सरकार के इस फैसले से एक ओर कंपनियों को राहत मिली तो कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है।

कर्मचारियों का पूरा वेतन देने के लिए कंपनियां बाध्य नहीं

दरअसल, मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों की सैलेरी को लेकर बड़ा एलान किया है। सरकार ने कर्मचारियों का पूरा वेतन देने वाला अपना पुराना आदेश वापस ले लिया। ऐसे में अब कंपनियां बाध्य नहीं होगी कि व कर्मचारियों को पूरा वेतन दें। सरकार के फाइल्स से उद्योगियों को राहत मिली है।

कर्मचारियों को बिना कटौती पूरा वेतन देने के दिए थे निर्देश

बता दें कि केंद्र सरकार कई ओर से 29 मार्च को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी कंपनियों व् उद्योगियों को आदेश दिए थे कि लॉकडाउन की वजह से कम्पनी व प्रतिष्ठान बंद होने पर भी सभी कर्मचारियों को बिना कटौती पूरा वेतन दिया जाये। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान मकान मालिकों से किराया न दे पाने वाले स्टूडेंट्स या प्रवासी कामगारों पर दबाव बनाने या घर खाली करने के लिए न कहने का आदेश दिया था।

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सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती

ऐसे में सरकार के फैसले को कर्नाटक की कंपनी फिकस पैक्स प्राइवेट लिमिटेड ने कोर्ट में चुनौती दी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि पूरी सैलरी न देने पाने वाली कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।

हालांकि 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की अवधि लगातार बढ़ती गयी। कल से चौथा चरण शुरू हो गया, जो 31 मई तक चलेगा। यानी दो महीनो के लिए लॉकडाउन रहना तय है। कोरोना मामलों की संख्या पर निर्भर करेगा कि इसे आगे भी जारी रखना है या नहीं।

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Shivani Awasthi

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