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सरकार ने बदली जांच की रणनीति, अब फ्लू के लक्षण वाले मरीजों की भी टेस्टिंग

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार अपनी रणनीति में बदलाव लाने जा रही है। अब फ्लू जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल आने वाले मरीजों की भी टेस्टिंग शुरू करने की योजना है।

Shivani Awasthi
Published on: 19 April 2020 10:15 AM IST
सरकार ने बदली जांच की रणनीति, अब फ्लू के लक्षण वाले मरीजों की भी टेस्टिंग
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार अपनी रणनीति में बदलाव लाने जा रही है। अब फ्लू जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल आने वाले मरीजों की भी टेस्टिंग शुरू करने की योजना है। देशभर के अस्पतालों में जल्द ही यह सुविधा शुरू की जा सकती है। केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस योजना की पुष्टि की है।

ट्रैवेल हिस्ट्री ना होने पर भी जांच

जानकार सूत्रों के मुताबिक टेस्टिंग किट की समस्या दूर होने के बाद अब खुद टेस्टिंग के लिए आगे आने वालों का परीक्षण भी किया जाएगा। ऐसे में यदि कोई भी व्यक्ति अपनी खुद की जांच कराना चाहेगा तो उसकी जांच की जाएगी। चाहे उस व्यक्ति की कोई ट्रैवेल हिस्ट्री या कांटेक्ट हिस्ट्री हो या ना हो मगर उसके इच्छा जताने पर सरकार की ओर से उसकी जांच कराई जाएगी।

कोरोना की वास्तविक स्थिति का पता लगेगा

सरकार की इस नई योजना के मुताबिक लोगों के रेंडम सैंपल इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यह भी पता चल सकेगा कि लोगों की जांच पड़ताल में कितने निगेटिव केस आ रहे हैं। कुछ निजी अस्पतालों में पहले ही पूरी टेस्टिंग शुरू की जा चुकी है ताकि फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों को अटेंड करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई की आवश्यकता ना पड़े। देश में अभी भी पीपीपी की सप्लाई काफी सीमित है।

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बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की योजना

केंद्र सरकार के एक अफसर ने इस बाबत बताया कि अभी तक टेस्टिंग किट्स की कमी जांच की राह में एक बड़ा रोड़ा थी। लेकिन धीरे-धीरे स्थितियों में काफी बदलाव आया है। हम पहले से ही बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की योजना बना रहे थे। अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। फ्लू से पीड़ित मरीजों की जांच के बाद हम बड़े पैमाने पर परीक्षण शुरू कर देंगे। इसमें पहले हॉटस्पॉट को शामिल किया जाएगा और उसके बाद क्लस्टर कंटेनमेंट जोन इसमें शामिल होंगे।

बिहार में शुरू हो गया काम

सूत्रों के मुताबिक अब पुलिस को भी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ टेस्टिंग में शामिल किया जा सकता है। शहरों के विभिन्न मोहल्लों के साथ ही गांवों तक में टेस्टिंग की योजना बनाई जा रही है। बिहार में हाल में इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार में शासन ने लोगों के घर-घर जाकर कोरोना की स्थिति जानने का फैसला किया है।

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बिहार के मुख्य स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने शनिवार को इस बाबत ट्वीट भी किया था। उनका कहना है कि राज्य के 29 जिलों में लोगों के दरवाजे पर जाकर फ्लू जैसे लक्षणों के बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाया है ताकि राज्य में कोरोना की वास्तविक स्थिति का पता चल सके।

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Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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