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Diesel Car Ban: डीजल कार के खरीदार जरा रुकिये...खड़े खड़े सड़ जाएगी कार, सरकार ले सकती बड़ा फैसला

Diesel Car Ban: डीजल कारों के प्रतिबंध को लेकर केंद्रीय पेट्रेालियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक पैनल ने यह सिफारिश की है। यह प्रस्ताव देश के बड़े शहरों के लिए रखा गया है।

Viren Singh
Published on: 8 May 2023 5:47 PM GMT (Updated on: 8 May 2023 6:40 PM GMT)
Diesel Car Ban: डीजल कार के खरीदार जरा रुकिये...खड़े खड़े सड़ जाएगी कार, सरकार ले सकती बड़ा फैसला
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Diesel Car Ban (सोशल मीडिया)

Diesel Car Ban: अगर आप कोई कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, ऊपर से डीजल कार खरीदान चाह रहा हैं तो जरा रुक जाइये। कहीं ऐसा न हो कि आप अधिक माइलेज के चक्कर में डीजल कार खरीदकर घर ले आएं, ऊपर वह कार घर में खड़े खड़े सड़ जाए। दरअसल, देश में प्रदूषण को बढ़ता देख और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार डीजल कारों पर बड़ा फैसला करने वाली है। सरकार देशभर में डीजल कार पर प्रतिबंध लगा सकती है। इतना ही नहीं, इस प्रतिबंध से जुड़ा एक प्रस्ताव भी सरकार के पास पहुंच चुका है।

लगातार प्रदूषण को रोकने के लिए उठा रही सरकार कदम

भारत में बढ़ते प्रदूषण की वजह राज्य व केंद्र सरकार को काफी किरकिरी का सामना करना पड़ा रहा है। इसके लिए ये सरकार लगातार काम कर रही हैं, उसके बाद देश में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सरकार ने बीते 1 अप्रैल से भारत में नए रियल ड्राइविंग इमिशन (RDE) BS6 फेज-2 नॉर्म्स को लागू कर दिया है, जिसका पालन सभी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनियों को करना है और कर भी रही हैं। हालांकि सरकार अब डीजल कारों को लेकर एक कदम आगे बढ़ने का इरादा है। इरादा यह है कि सरकार 2027 तक देश में डीजल कारों को पूरी तरह प्रतिबंध कर सकती है। न्यूज एजेंसी रायटर्स (Reuters) के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, डीजल कारों के प्रतिबंध को लेकर केंद्रीय पेट्रेालियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक पैनल ने यह सिफारिश की है। इस पैनल ने सरकार के समक्ष 2027 तक देश में डीजल से चलने वाली कारों को पूरी तरह बंद करने का प्रस्ताव रखा है। फिलहाल, अभी तक लिए यह प्रस्वात देश के बड़े शहरों के लिए रखा गया है।

अब देखना ये होगा कि केंद्र सकार इस पैनल के प्रस्वात पर क्या फैसला लेती है। अगर इस पर अपनी मुहर लगा देती है तो कंपनियों के साथ साथ उन ग्राहकों के लिए बड़ा झटका है, जिनके पास डीजल कार है। वहीं, टाटा मोटर्स सहित कई ऑटोमेकर कंपनियां मौजूदा समय डीजल कारों का निर्माण कर रही हैं,जो कि उनके के लिए भी खतरे की घंटी है।

सरकार का इस पर है फोसक

दरअसल, केंद्र सरकार का पूरा फोकस ग्रीन एनर्जी पर टिका हुआ है। इसके लिए सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) और बायोफ्यूल से चलने वाले वाहनों को काफी बढ़ावा प्रदान कर रही है। यही वजह है कि पीते अप्रैल महीने केंद्र सरकार ने भारत में बीएस6 ईंधन की बिक्री अनिवार्य करते हुए न्यू रियल ड्राइविंग इमिशन (RDE) BS6 फेज-2 नियम लागू कर दिया है। इसके अलावा एथनॉल ब्लेंडिंग जैसे कदम उठा रही है। इसके अलावा ईवी को बढ़ावा देने को लेकर रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि 31 मार्च से आगे के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इंलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स स्कीम यानी एफएएमई द्वारा प्रोत्साहन के लक्ष्य पर विस्तार पर विचार करना चाहिए।

इन बेहतरीन कारों पर मंडरा रहा खतरा

ऐसे सरकार अगर इस प्रस्वात को मानते हुए अपनी मंजूरी प्रदान कर देती है तो देश में कई ऑटोमेकर कंपनियों तगड़ा झटका लगेगा, जिन्होंने बीते सालों में डीजल वैरिएंट में कई मॉडल लॉन्च किये हैं। इसमें टाटा सफारी, हैरियर, टाटा अल्ट्रोज, टाटा नेक्सन, महिंद्रा एक्सयूवी300, महिंद्रा Bolero Neo, महिंद्रा Bolero जैसी कई बेहतरीन कारें शामिल हैं। अगर ये अगले चार साल में बद हो जाती हैं तो काफी संख्या में लोग प्रभावित होंगे।

Viren Singh

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