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जल्लाद की ऐसी कहानी: दादा ने इंदिरा के हत्यारे को दी फांसी, तो पोता रचेगा इतिहास

56 वर्षीय पवन कुमार मेरठ के कांशीराम आवासीय कॉलोनी में रहते हैं। इनका असली नाम सिंधी राम है। जिस घर में पवन कुमार रहते हैं, उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। हालांकि पवन कुमार निर्भया के दोषियों को फंदे पर लटकाने को लेकर अपनी तैयारियां कर चुके हैं।

SK Gautam
Published on: 8 Jan 2020 10:03 AM GMT
जल्लाद की ऐसी कहानी: दादा ने इंदिरा के हत्यारे को दी फांसी, तो पोता रचेगा इतिहास
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नई दिल्ली: निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की तारीखं का ऐलान कर दिया है जोकि 22 जनवरी को तय हो गयी है। इन चारों को फांसी देने वाले जल्लाद का नाम पवन कुमार है। जल्लाद पवन कुमार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों को फंदे पर लटकाने वाले जल्लाद कल्लू का पोता हैं जो निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देगा। पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वॉरंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है।

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पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह को लटकाया फांसी पर

बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के निवासी पवन कुमार का परिवार चार दशक से इस काम से जुड़े हुआ है। पिता मामू अब तक 60 से भी ज्यादा दोषियों को फंदे पर लटका चुके हैं। इनमें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह भी शामिल हैं। इनके अलावा रंगा और बिल्ला को भी मामू ने ही फंदे पर लटकाया था। लेकिन पवन जल्लाद ने अभी तक एक भी दोषी को फांसी नहीं लगाई है। यही वो सच है। पवन के बारे में और आगे जानिए-

बता दें कि 56 वर्षीय पवन कुमार मेरठ के कांशीराम आवासीय कॉलोनी में रहते हैं। इनका असली नाम सिंधी राम है। जिस घर में पवन कुमार रहते हैं, उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। हालांकि पवन कुमार निर्भया के दोषियों को फंदे पर लटकाने को लेकर अपनी तैयारियां कर चुके हैं।

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भेजा जा चुका है पवन कुमार को पत्र

उनका कहना था कि वे बस शासन के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि एक पत्र पहले ही पवन कुमार भेजा जा चुका है। अगले एक-दो दिन में नया पत्र भेजा जाएगा, जिसमें फांसी की तारीख और समय का भी उल्लेख होगा।

पवन के परिवार में नौ सदस्य है। बताया गया कि उनके सात बच्चे हैं। जिनमें पांच बेटी और दो बेटे हैं। वह चार बेटियों की शादी कर चुके हैं। अभी एक बेटी और दो बेटों की शादी होनी है।

वहीं पवन का कहना है कि मैंने पिछले साल सरकार से 20 हजार रुपये महीना तनख्वाह देने की मांग की थी लेकिन सरकार ने सिर्फ दो हजार रुपये ही बढ़ाए। अब उन्हें पांच हजार रुपये महीना मिलते हैं।

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निर्भिया कांड- एक नजर

गौरतलब है कि दरिंदों ने 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल छात्रा निर्भया से दुष्कर्म कर उसकी नृशंस हत्या कर दी थी। इसके अलावा पीड़िता को चलती बस से फेंक दिया था। इस दौरान पीड़िता को गंभीर चोटें आईं थी। सिंगापुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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