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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होगी जीएसटी परिषद की बैठक
बैठक के एजेंडे में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण करना भी शामिल है। इससे माल की आवाजाही की निगरानी आसान होगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में पहली बार होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इसमें कारोबारियों के लिए जीएसटी रिफंड आसान बनाने और ई-चालान की बेहतर व्यवस्था लागू करने पर फैसला हो सकता है। परिषद राष्ट्रीय मुनफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) का कार्यकाल भी बढ़ा सकता है।
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मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जीएसटी परिषद रिफंड के दावों की जांच के लिए एकल बिंदु व्यवस्था बनाने पर चर्चा करेगी। एकल बिंदु रिफंड प्रणाली से कारोबारियों को जल्दी भुगतान मिल सकेगा। इसके अलावा कंपनियों को ई-चालान (ई-इनवॉयस) उपलब्ध कराने के लिए एकल प्रणाली बनाने पर भी फैसला होगा। इस कदम से निर्यातकों के दावों की पहचान करना आसान होगा, जबकि व्यवस्था में और पारदर्शिता आएगी।
बैठक के एजेंडे में एक अप्रैल, 2020 से जीएसटी-ईवे बिल प्रणाली का एनएचएआई की फास्टैग प्रणाली में एकीकरण करना भी शामिल है। इससे माल की आवाजाही की निगरानी आसान होगी और जीएसटी चोरी को रोका जा सकेगा।
जीएसटी परिषद अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण (एएआर) के राष्ट्रीय पीठ के गठन पर भी चर्चा कर सकती है। इससे विभिन्न राज्यों में एएआर द्वारा जारी एक जैसे मुद्दों पर विरोधाभासी फैसलों का समाधान किया जा सकेगा। परिषद एनएए का कार्यकाल एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 तक करने पर विचार करेगी। इसे एक जुलाई, 2017 को जीएसटी को लागू किए जाने के तत्काल बाद दो साल के लिए बनाया गया था।
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मिलेगा गलती सुधारने का मौका
परिषद की बैठक में जीएसटी कानून में बदलावों के लिए संशोधन विधेयक के मसौदे पर भी चर्चा होगी। इससे कारोबारियों और कंपनियों को जीएसटी भुगतान में हुई गलतियां सुधारने का मौका मिलेगा। जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज सिर्फ नकदी वाले हिस्से पर लागू करने की राहत भी कारोबारियों को मिल सकती है।