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हंगामे के बीच 'रविशंकर प्रसाद' ने लोकसभा में पेश किया तीन तलाक बिल
लोकसभा में आज एक बार में तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पेश किया गया। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है।
नई दिल्ली: लोकसभा में आज एक बार में तीन तलाक को गैर कानूनी ठहराने वाला मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पेश किया गया। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है।
केंद्र सरकार मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने से जुड़ा नया विधेयक आज लोकसभा में पेश करेगी। लोकसभा से जुड़ी कार्यवाही सूची के मुताबिक 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019' लोकसभा में शुक्रवार को पेश किया जाएगा।
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पिछले महीने 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था। दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है।
सरकार ने सितंबर 2018 और फरवरी 2019 में दो बार तीन तलाक अध्यादेश जारी किया था। इसका कारण यह है कि लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद वह राज्यसभा में लंबित रहा था।
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मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है और पति को इसके लिए तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है।